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२९०. वक्तव्य: समाचारपत्रोंको[१]

बाँकीपुर,
मोतीहारी
अप्रैल २१, १९१७

सरकारके आदेशसे मुकदमा वापस ले लिया गया है। मेरे द्वारा की जानेवाली जाँचके दौरान अधिकारी लोग मेरी मदद करेंगे, इसका वचन दिया गया है। मैं इसके लिए सरकारका आभारी हूँ। यहाँके स्थानीय वकील तथा अन्य सज्जन मेरी बहुत सहायता कर रहे हैं। अनेक जगहोंसे सहानुभूति-सूचक सन्देश और सहायताके आश्वासन आये हैं। इनके परिणामस्वरूप मेरा और मेरे साथियोंका हौसला बढ़ा है। यहाँ आनेके बाद में अबतक कुछ गाँवोंमें घूम चुका हूँ और सैकड़ों किसानोंसे मिल चुका हूँ। अधिकारियोंसे लगातार शिष्टतापूर्ण व्यवहार मिल रहा है। जबतक मेरी यह जाँच चले, तबतक किसी प्रकारके सार्वजनिक आन्दोलनकी जरूरत नहीं है। [इस जाँचमें] जो मुद्दे निहित हैं वे अत्यन्त महत्त्वपूर्ण हैं। जाँचके फलस्वरूप में जिन निर्णयोंपर पहुँचूँगा उन्हें में सरकार और देशके समक्ष प्रस्तुत करनेकी आशा करता हूँ ।

[अंग्रेजीसे]
लीडर, २३-४-१९१७; सिलैक्ट डॉक्यूमेंट्स ऑन महात्मा गांधीज मूवमेंट इन चम्पारन, सं० ४६ (ई०), पृष्ठ ८६-८७।

२९१. पत्र: डब्ल्यू० बी० हेकॉकको

मोतीहारी
अप्रैल २२, १९१७

प्रिय श्री हेकॉक,

कलकें नोटके लिए धन्यवाद। मैं आज श्री कॉक्सको[२] पत्र लिख रहा हूँ।

आज तीसरे पहर बेतिया रवाना हो जाऊँगा ।

हृदयसे आपका,
मो० क० गांधी

गांधीजीके स्वाक्षरोंमें मूल अंग्रेजी पत्र (नेशनल आर्काइव्ज़ ऑफ इंडिया)से; सिलॅक्ट डॉक्यूमेंट्स ऑन महात्मा गांधीज मूवमेंट इन चम्पारन, सं० ४५, पृष्ठ ८३ से भी।

  1. १. बॉम्बे सीकेट एब्सट्रैक्ट्स १९१७, पृ० २५४ के अनुसार २२ अप्रैल, १९१७ को प्रातः श्री गांधीका भेजा हुआ एक तार आश्रम में प्राप्त हुआ था। उसमें लिखा था: “वक्तव्यका संक्षिप्त रूप तैयार कर रहा हूँ, जो प्रकाशित किया जा सकता है”; देखिए (एस० एन० ९८२०)।
  2. २. पदुमकेर फैक्टरीके हर्बर्ट कॉक्स; जिला बागान मालिक संघ (डिस्ट्रिक्ट प्लांटर्स एसोसिएशन) के मन्त्री।