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२७८. कार्यकर्त्ताओंके लिए निर्देश[१]

[अप्रैल १६, १९१७][२]

जाँचका कार्यक्रम इस तरह जारी रखा जाये, मानो मैं जेल नहीं भेजा गया हूँ, अर्थात्

१. कार्यकर्त्तागण नियमित रूपसे गाँवोंमें जायें और जिन लोगोंसे पूछताछ की जाये उन सबकी गवाहियाँ लिख ली जायें।

२. जहाँ गवाही देनेवाले लोग अपने बयानोंपर दस्तखत या अँगूठा-निशानी देनेके लिए राजी हों, वहाँ उनके दस्तखत या अँगूठा-निशानी ले ली जाये।

३. जहाँ लोग दस्तखत करनेसे इनकार कर दें, वहाँ भी उनकी गवाहियाँ ले ली जायें। दस्तखत देनेसे इनकार करनेका कारण लिख लिया जाये।

४. जिन वकीलोंका काश्तकारोंके मुकदमोंसे थोड़ा-सा भी सम्बन्ध हो उनसे गवाही देनेकी प्रार्थना की जाये और जो गोरखबाबूको[३] सुझाये गये ढंगकी हो।

इन गवाहियोंको लेनेके लिए जितने भी कार्यकर्त्ता अपनी सेवाएँ देनेके लिए आयें, सब भर्ती कर लिये जायें। आशा तो यही की जानी चाहिए कि बहुत-से कार्यकर्त्ता सामने आयेंगे और जिलेसे चले जानेकी आज्ञा मिलनेपर भी जाँचका काम जारी रखनेसे मुँह नहीं मोड़ेंगे।

यदि उन्हें हुक्म न माननेपर अदालतमें बुलाया जाये और उनपर मुकदमे चलाये जायें तो वे चुपचाप जेल चले जायें। मेरा तो सुझाव है कि वे अपनी कोई सफाई न दें।

काश्तकारोंको यह निश्चित निर्देश दिया जाना चाहिए कि वे न तो अपने कष्टों और न अपनी सहायताके लिए आये हुए लोगोंके जेल भेजे जानेपर हिंसाका सहारा लें। अलबत्ता उनसे यह कहा जा सकता है और कहना चाहिए कि जहाँ उन्हें यह मालूम हो कि उनके साथ अन्यायपूर्ण व्यवहार किया जा रहा है――अर्थात् उन्हें नील बोनेकी जरूरत न होने पर भी नील बोनेके लिए बाध्य किया जा रहा है――तब उन्हें अदालतमें जानेके बजाय नील बोनेसे कतई इनकार कर देना चाहिए और यदि इस तरह इनकार करनेपर उन्हें जेल दी जाये तो उसे भुगत लेना चाहिए। इस बातको बहुत सावधानीसे समझानेकी जरूरत है। जहाँ कार्यकर्त्ता इस शान्तिपूर्ण प्रतिरोधके प्रभावको न समझें या इसकी शक्तिको अनुभव न करें वहाँ वे कार्यक्रमके इस मुद्देको छोड़ सकते हैं।

 
  1. १. चम्पारनमें काम जारी रखनेके सम्बन्धमें; क्योंकि गांधीजीको चम्पारन जिलेसे चले जानेके सम्बन्ध में मजिस्ट्रेटकी आज्ञा न माननेके परिणाम-स्वरूप जेल भेज दिये जानेकी आशंका थी।
  2. २. यह १६ की रातको तैयार किया गया था; देखिए “पत्र: एच० एस० एल० पोलकको”, १७-४-१९१७।
  3. ३. गोरखप्रसाद (१८६९-१९६२); मोतीहारीके एक वकील; गांधीजी मोतीहारीमें कुछ दिन उनके मेहमान रहे थे।