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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

सम्मेलनमें से एक ऐसा समशीतोष्ण दल उत्पन्न हो जो हमें जो-कुछ चाहिए वह सब दिला सके। अहमदाबाद एक व्यापारिक नगर है और वह सभी कार्योंमें व्यावसायिक बुद्धि दिखाता है, यह स्वाभाविक है। उसने यह सोचा कि हमें ऐसा अध्यक्ष चाहिए जो इन दोनों दलोंके बीच शोभा पाये। इसलिए उसने एक विद्वान् मुसलमान सज्जनको चुनना ठीक समझा। अहमदाबादने यह बुद्धिमत्ता पहली बार ही नहीं दिखाई है। उसने पहले भी अनेक बार यह बुद्धिमत्ता दिखाई है। हमारे अध्यक्ष श्री जिन्ना एक अच्छे वकील हैं। वे धारासभाके सदस्य हैं, इतना ही नहीं, बल्कि देशकी सबसे बड़ी इस्लामी संस्थाके अध्यक्ष हैं। उन्होंने एक छोटे-से सम्मेलनका अध्यक्ष पद स्वीकार करके हमारे ऊपर बहुत उपकार किया है। इसलिए मुझे जो प्रसन्नता हुई है वह आपको भी हुई होगी। आप सभी लोगोंमें सभीके प्रति अपनेपनकी भावना होनी चाहिए। गर्म, नर्म,सूरती या काठियावाड़ी या अहमदाबादी, हिन्दू या मुसलमान ये सभी हमारे हैं, ऐसाहम कहते हैं। हमारे अन्तरमें भी यही भावना होनी चाहिए। यदि हम ऐसा करें तो सूरती या काठियावाड़ी या अहमदाबादी, हिन्दू या मुसलमान ये सभी हमारे हैं, ऐसा हम कहते हैं। हमारे अन्तरमें भी यही भावना होनी चाहिए। यदि हम ऐसा करें तो मुसलमान और अन्य लोग इस हदतक हमारे प्रेमके वश हो जायेंगे कि हमें पशु-रक्षाके निमित्त बड़ी-बड़ी संस्थाएँ नहीं बनानी पड़ेंगी; बल्कि मुसलमान भाई स्वयं ही अपने हिन्दू भाइयोंकी धार्मिक भावनाओंका खयाल करके पशु-वध बन्द कर देंगे। यदि हम अपनी भावना ऐसी बना लेंगे तो इस अवसरका और इस हलचलका लाभ हमें स्वतः ही मिल जायेगा। मैं जानता हूँ कि अध्यक्षका काम तलवारकी धारपर चलनेके समान दुष्कर है। मेरी इच्छा है कि उन्हें जो-जो महान् अधिकार प्राप्त हैं वे उनका पूरा लाभ अवश्य उठायें। मेरी ईश्वरसे प्रार्थना है कि वह उन्हें इस सम्मेलनके कार्यका संचालन करनेके लिए उपयुक्त दृढ़ता, ज्ञान और शक्ति दे।

[गुजरातीसे]
गुजराती, २९-१०-१९१६
 

२२०. भाषण: भारत प्रतिरक्षा कानूनके बारेमें

अक्तूबर २२, १९१६

अहमदाबादमें हुए बम्बई प्रान्तीय सम्मेलनमें गांधीजीने २२ अक्तूबर १९१६ को निम्नलिखित प्रस्ताव पेश किया:

भारत प्रतिरक्षा कानूनका अमल किस प्रकार हो रहा है यह श्रीमती बेसेंट तथा अन्य लोगोंके हालके मामलोंसे प्रकट होता है। इस स्थितिको यह सम्मेलन गम्भीर चिन्ता तथा आशंकाकी दृष्टिसे देखता है और सरकारसे साग्रह अनुरोध करता है कि भारत प्रतिरक्षा कानूनके सम्बन्धमें भी उसी प्रकारके संरक्षण दिये जायें जिस प्रकारके संरक्षण इंग्लैंडमें साम्राज्य प्रतिरक्षा कानूनके सम्बन्धमें दिये गये हैं। यह सम्मेलन सादर प्रार्थना करता है कि श्रीमती एनी बेसेंटपर इस इलाकेकी सीमामें प्रवेश करनेके बारेमें जो प्रतिबन्ध लगाया गया है उसे सरकार जल्दीसे-जल्दी रद कर देनेकी कृपा करे।