पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 13.pdf/३०४

यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।

 

१९४. गुजरात वर्नाक्यूलर सोसाइटीकी सदस्यताका प्रार्थनापत्र[१]

[अहमदाबाद
अप्रैल १४, १९१६ से पूर्व][२]

अवैतनिक मन्त्री

गुजरात वर्नाक्यूलर सोसाइटी
अहमदाबाद

महोदय,

मेरी इच्छा है कि में गुजरात वर्नाक्यूलर सोसाइटीका आजीवन सदस्य बनूँ। आशा है, आप मेरा नाम समितिमें प्रस्तुत करके मुझे आजीवन सदस्य बना लेंगे।

इसके साथ आजीवन सदस्यताकी फीसके २५ रु० (अंक पच्चीस रुपये) भेजे हैं। प्राप्त होनेपर पहुँच देनेकी कृपा करें।

नाम: मोहनदास करमचंद गांधी

हस्ताक्षर: मोहनदास करमचंद गांधी
उम्र: ४६ वर्ष
शिक्षा: बैरिस्टरी पर्यन्त

पता (स्थायी) सत्याग्रह आश्रम
(वर्तमान) कोचरबके पास
अहमदाबाद

मैं-निर्वाह मात्र लेकर शिक्षकका काम करता हूँ। इसलिए मेरा खयाल है कि मैं तीस रुपये मासिकसे कम वेतन पानेवाला माना जाऊँगा । इस कारण २५ रुपये भेजे हैं।[३]

[गुजरातीसे]
बुद्धिप्रकाश, जनवरी-मार्च १९४८
 
  1. १. यह प्रार्थनापत्र छपे फार्ममें भर कर दिया गया था।
  2. २. प्रार्थनापत्रके साथ भेजी गई २५ रुपयेकी रकम इस तारीख में सोसाइटीकी बहियोंमें जमा है। १९ तारीखको प्रबन्ध समितिने अपनी एक बैठक में विशेष प्रस्ताव पास करके गांधीजीको आजीवन सदस्य मनोनीत किया। रकम लौटा दी गई थी।
  3. ३. छपे फार्मकी पाद-टिप्पणीमें कहा गया है कि स्त्रियाँ और ३० रुपयेसे कम मासिक वेतन पानेवाले अध्यापक २५ रु० देनेपर आजीवन सदस्य बनाये जायेंगे। साधारण आजीवन सदस्यताका शुल्क ५० रु० था।