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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

सितम्बर १५, बुधवार

दूदाभाई अपनी पत्नीको लेने गये। हरिलाल आया। कमिश्नरके यहाँ आयोजन था, उसमें गया।

सितम्बर १६, बृहस्पतिवार

चंची और नानाभाई आये। पंडित गया। नवीन गये।

सितम्बर १७, शुक्रवार

शानसे एक रुपया और रंगूनसे सात रुपये आये। डेविस और अम्बालाल सेठ आ गये।

सितम्बर १८, शनिवार

नीछाभाई आये।

सितम्बर १९, रविवार

ऐन्ड्रयूजकी अगवानी करनेके लिए अहमदाबादसे प्रस्थान। हरिलाल साथ आया। नानाभाई गये।

सितम्बर २०, सोमवार

ऐन्ड्रयूज और पियर्सन आये। समितिकी बैठक। मुझसे अध्यक्ष-पदके लिए कहा गया। सब लोग ढेड़ोंके मकान देखनेके लिए गये। अहमदाबाद जानेके लिए तीनों निकले।

सितम्बर २१, मंगलवार

अहमदाबाद पहुँचे। नेता आये हुए थे। घरमें, बहन आदि आये। अच्छी सभा हुई। दोनों भाई रातको विदा हुए। चुनीलाल आये।

सितम्बर २२, बुधवार

चुनीलाल तथा दयालजी विदा हुए।

सितम्बर २४, शुक्रवार

मगनलाल तथा सन्तोक और अन्य लड़कियाँ बम्बई गये।

सितम्बर २६, रविवार

दूदाभाई तथा उनकी पत्नी आये।

सितम्बर २७, सोमवार

काका, गणाजी तथा एक विद्यार्थी आये। ब्रजलाल राजकोट गया माणेकलाल दो-तीन घंटेके लिए आया।

सितम्बर २८, मंगलवार

देशपांडे आये। शामको वापस गये। गुणाजी भी गये।

सितम्बर २९, बुधवार

बम्बई गया। रास्ते में देवभाभी और जमनादास साथ थे। देवभाभीके साथ लम्बी बातचीत।