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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय
जून २६, शनिवार
सवेरे बम्बई पहुँचा। वहाँसे पूना गया। वहाँ लल्लूभाई मिले। पदक मिला। पट्टणी[१] मुझे किरकी स्टेशन तक पहुँचा गये। शास्त्रियरके साथ नियमावलीपर चर्चा।
[रु॰ आ॰ पा॰]
२ ७ ० | बम्बई से पूना |
० २ ६ | मस्जिद बन्दरसे बोरी बन्दर[२] |
२ ० ० | वैराग्य प्रकरण, अभंग और डाक टिकट |
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११ ० ६ | जून २५ और २६ की कुल जमा रकम |
१ ४ ० | केले और मजदूरोंका खर्च |
० १ ० | स्टेशनपर कुलीको |
जून २७, रविवार
बम्बई पहुँचा। मस्जिद बन्दरके स्टेशन मास्टरसे बातचीत। भाड़ेके सम्बन्धमें मुझे पहचाननेके बाद उसने माफी माँगी। डाक छोड़ी : पोलक, शास्त्रियर, प्रागजी, कुमारी श्लेसिन, लैंगडेल स्मिथ।
जून २८, सोमवार
अहमदाबाद वापस। फड़के आया।
[रु॰ आ॰ पा॰]
२ ० ० | डाक टिकटोंका खर्च 'जो पहले नहीं दिया था' |
जुन २९, मंगलवार
बापूभाई दौलतराय मिलकर आये।
[रु॰ आ॰ पा॰]
० ११ ० | बिस्तरकी मजदूरी |
० ० ६ | विविध |
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१५००[३] | [जून २५, २६, २८ और २९की टीपोंके अन्तर्गत दिये गये हिसाबकी |
कुल जमा रकम] | |
५ १ ० | रोकड़ बाकी |
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२०५०[४] | पूना यात्राका हिसाब |
जुलाई ४, रविवार
आरोग्यके विषयपर महादेवप्रसादका भाषण। मैं अध्यक्ष था।