पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 13.pdf/२१०

यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
१७६
सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

 

जून २६, शनिवार

सवेरे बम्बई पहुँचा। वहाँसे पूना गया। वहाँ लल्लूभाई मिले। पदक मिला। पट्टणी[१] मुझे किरकी स्टेशन तक पहुँचा गये। शास्त्रियरके साथ नियमावलीपर चर्चा।

[रु॰ आ॰ पा॰]
२ ७ ० बम्बई से पूना
० २ ६ मस्जिद बन्दरसे बोरी बन्दर[२]
२ ० ० वैराग्य प्रकरण, अभंग और डाक टिकट
———  
११ ० ६ जून २५ और २६ की कुल जमा रकम
१ ४ ० केले और मजदूरोंका खर्च
० १ ० स्टेशनपर कुलीको

जून २७, रविवार

बम्बई पहुँचा। मस्जिद बन्दरके स्टेशन मास्टरसे बातचीत। भाड़ेके सम्बन्धमें मुझे पहचाननेके बाद उसने माफी माँगी। डाक छोड़ी : पोलक, शास्त्रियर, प्रागजी, कुमारी श्लेसिन, लैंगडेल स्मिथ।

जून २८, सोमवार

अहमदाबाद वापस। फड़के आया।

[रु॰ आ॰ पा॰]
२ ० ० डाक टिकटोंका खर्च 'जो पहले नहीं दिया था'

जुन २९, मंगलवार

बापूभाई दौलतराय मिलकर आये।

[रु॰ आ॰ पा॰]
० ११ ० बिस्तरकी मजदूरी
० ० ६ विविध
———  
१५००[३] [जून २५, २६, २८ और २९की टीपोंके अन्तर्गत दिये गये हिसाबकी
  कुल जमा रकम]
५ १ ० रोकड़ बाकी
———  
२०५०[४] पूना यात्राका हिसाब

जुलाई ४, रविवार

आरोग्यके विषयपर महादेवप्रसादका भाषण। मैं अध्यक्ष था।

  1. सर प्रभाशंकर पट्टणी, दीवान, भावनगर।
  2. इसे अगली तारीखको टोपमें होना चाहिए।
  3. इसे १५-१-० होना चाहिए।
  4. इसे २०-२-० होना चाहिए।