पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 13.pdf/२०८

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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय जून ६, रविवार वाघरिओंकी पाठशालाके लड़के आये । पोपटभाईके यहाँ सवेरे कीर्तनमें गया । पोपट- भाईने लड़कोंके लिए आम, पूरी आदि भेजे। माधवजी शास्त्री तथा गिरिजाशंकरने विद्या- थियों और शिक्षकोंको पढ़ाना आरम्भ किया। १७४ जून ७, सोमवार हीरजी भीमजी चावडा आये । लीमड़ीके अध्यापक कल चले गये । मगनभाईकी पत्नी वापस आ गई। जून ८, मंगलवार अम्बालाल, उसकी पत्नी और लड़का आश्रम देखने आये । बा सख्त बीमार । जून १०, बृहस्पतिवार चावडा आये। अम्बालाल थक गया और चला गया। रावजीभाई आये । पोपटलाल गया । अन्ना और उसकी पत्नी आये । सुन्दरम् और मैं पूना जानेके लिए मेलसे रवाना । जून ११, शुक्रवार बम्बई पहुँचा। काका साथ थे। श्री पेटिटसे मिला। पूना पहुँचा । सुन्दरम् साथ है। [ रु० आ०पा०] ९ ८० दो व्यक्तियोंका रेलका किराया ० १५० ५ १० ६ ० ८० जून १२, शनिवार जून १३, रविवार, जेठ सुदी १ संक्षिप्त रिपोर्ट मैंने सदस्योंके सामने रखी। पूना छोड़ा। [ रु० आ० पा०] O ६० डाक टिकट ११० पूनासे बम्बई ११० ट्राम और टाँगा श्री शास्त्रियरका भाषण । २ ० सवारी खर्च, पेटिटके यहाँ जाने और आनेका पूनाके लिए किराया सवारी 0 ० कोलाबाके लिए टिकट २० ११ ६१ [ जून ११ और १३ तारीखके अन्तर्गत दी गई टीपोंकी कुल जमा रकम ] ० १४० बाँदराका किराया ४० विविध २१ १२ ६१ [ कुल जमा रकम ] १. ठीक संख्या २०-९-६ है । २. ठीक संख्या २१-१३-६ है । Gandhi Heritage Portal