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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

अप्रैल ९, शुक्रवार

हिन्दुस्तानमें २४ घंटेमें पाँच ही वस्तुओंका, और वह भी सूर्यास्त से पहले, आहार करनेका व्रत लिया। पानी पाँच वस्तुओंमें शामिल नहीं।इलायची आदि पाँच वस्तुओंमें आती है। मूंगफली तथा उसके तेलको एक ही वस्तु मानूँगा। रावजीभाईने दूध और दूधसे बने पदार्थों [को न लेने] का व्रत लिया।

अप्रैल १०, शनिवार

उक्त व्रत आजसे लिया――देखिए पिछली तारीख। दूसरी संस्थाएँ देखीं। धारसीमलसे ऋषिकेश जाते समय मुलाकात हुई। वह निकट सम्पर्कमें आता जा रहा है।

अप्रैल ११, रविवार

मोहिनी आश्रम गया। रामकृष्ण मिशन देखा। दिल्ली जानेके लिए रवाना हुआ। सोसाइटीके सदस्योंके साथ विचार-विमर्श।

अप्रैल १२, सोमवार

दिल्ली पहुँचा――बा और ... भाई[१]――तथा कोतवाल, रावजीभाई तथा देवधर भी साथ थे। देवधरके अलावा सब अलग हो गये। श्री आल्बट और श्री वैस्टनसे मुलाकात। कुतुब मीनार देखी। अनेक विचार।

अप्रैल १३, मंगलवार

सुबह कॉलेजके विद्यार्थियों की सभा। सुलतानसिंहके यहाँ गया। श्री और श्रीमती हेलीसे मिला। किला देखा। अनेक विचार आये। शामको सार्वजनिक सभा। मुहम्मद अलीका भाषण।

अप्रैल १४, बुधवार

सवेरे वृन्दावन जानेके लिए दिल्लीसे प्रस्थान किया। वृन्दावन दोपहरको पहुँचा। प्रेम महाविद्यालय, ऋषिकुल, गुरुकुल, रामकृष्ण मिशन देखने गया। शहरकी गन्दगी।[२] रातको मथुरा वापस आया और मद्रासकी गाड़ी पकड़ी।

अप्रैल १५, बृहस्पतिवार

रेलमें।

अप्रैल १६, शुक्रवार

रेलमें। पुलिसकी निगरानी और सवालात।

अप्रैल १७, शनिवार

शामको मद्रास पहुँचा। स्टेशनपर लोगोंकी बहुत भीड़। लोगोंने स्वयं गाड़ी खींची।[३] श्रीमती बेसेंटसे भेंट। श्री नटेसनके साथ ठहरा।
  1. १. यहाँ पढ़ा नहीं जाता।
  2. २. देखिए आत्मकथा, भाग ५, अध्याय ७ (द्वितीय आवृत्ति)।
  3. ३. देखिए “भाषण: मद्रास पहुँचनेपर”, १७-४-१९१५