यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
१६२
सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय
फरवरी २, मंगलवार
- अहमदाबादमें मानपत्र।[१]बापूभाईसे उनके घर मिला। मियाखाँ और पटवारीके यहाँ गया। महिलाओंकी ओरसे अभिनन्दन――अहमदाबादमें स्थायी रूपसे बसनेके सम्बन्ध में नेताओंसे बातचीत। जमनादास बम्बई गया।
फरवरी ३, बुधवार
- जमीन देखने गया। अम्बालालभाईके[२] यहाँ भोजन। मोढ़-समाजकी ओरसे मान-पत्र। सन्ध्याको क्लबमें चाय-जलपान। रातको आशाराम भाईके यहाँ अखंडा-नन्दसे[३]मिला।
फरवरी ४, बृहस्पतिवार
- अहमदाबादसे निकला। हरिलाल तथा गोकुलदास वहीं रहे। बम्बई रातको पहुँचा।
फरवरी ५, शुक्रवार
- पटवारीसे मुलाकात। जाति-प्रबन्धके सम्बन्धमें चर्चा।
फरवरी ६, शनिवार
- भगवानलालसे मिला। उसे मोदीके सम्बन्धमें २,९०० रुपये देकर पूरी रकम अदा की। मोदीके साथ सारा हिसाब-किताब खत्म कर दिया। ६,००० रुपये हुए। उसमें दोनों भाइयोंका हिसाब आ गया। घरसे सम्बन्धित कागजात शुक्लको भेजे। पटवारीके साथ फिर भेंट।
फरवरी ७, रविवार
- अन्त्यजोंकी शाला[४] देखने गया। अमृतलाल[५]तथा केसरीप्रसाद कल रात घर रहे। उनके साथ बातचीत की। रातको पूनाके लिए रवाना।
फरवरी ८, सोमवार
- गोकुलदास सहित पूना आया। [सवेंट्स ऑफ इंडिया] सोसाइटीमें दाखिल
होनेके सम्बन्धमें बातचीत हुई।
फरवरी ११, बृहस्पतिवार
- प्रोफेसर कवेंकी संस्था आदि देखीं। श्री तिलकके यहाँ गया।
- ↑ १. देखिए “अहमदाबादमें नागरिकोंके मानपत्रका उत्तर”, २-२-१९१५।
- ↑ २. अहमदाबादके एक उद्योगपति।
- ↑ ३. एक संन्यासी; धार्मिक और नैतिक शिक्षापर कम दामकी पुस्तकें प्रकाशित करनेवाली एक प्रकाशन संस्था, सस्तुं साहित्य वर्धक कार्यालय अहमदाबाद के संस्थापक।
- ↑ ४. देखिए “भाषण: मिशन स्कूल, बम्बई में”, ७-२-१९१५।
- ↑ ५. सम्भवतः अमृतलाल वी० ठक्कर, भारत सेवक समाजके सदस्य तथा दलित वर्गों और आदिवासियोंके उत्थान कार्य में सक्रिय कार्यकर्ता।