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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

फरवरी २, मंगलवार

अहमदाबादमें मानपत्र।[१]बापूभाईसे उनके घर मिला। मियाखाँ और पटवारीके यहाँ गया। महिलाओंकी ओरसे अभिनन्दन――अहमदाबादमें स्थायी रूपसे बसनेके सम्बन्ध में नेताओंसे बातचीत। जमनादास बम्बई गया।

फरवरी ३, बुधवार

जमीन देखने गया। अम्बालालभाईके[२] यहाँ भोजन। मोढ़-समाजकी ओरसे मान-पत्र। सन्ध्याको क्लबमें चाय-जलपान। रातको आशाराम भाईके यहाँ अखंडा-नन्दसे[३]मिला।

फरवरी ४, बृहस्पतिवार

अहमदाबादसे निकला। हरिलाल तथा गोकुलदास वहीं रहे। बम्बई रातको पहुँचा।

फरवरी ५, शुक्रवार

पटवारीसे मुलाकात। जाति-प्रबन्धके सम्बन्धमें चर्चा।

फरवरी ६, शनिवार

भगवानलालसे मिला। उसे मोदीके सम्बन्धमें २,९०० रुपये देकर पूरी रकम अदा की। मोदीके साथ सारा हिसाब-किताब खत्म कर दिया। ६,००० रुपये हुए। उसमें दोनों भाइयोंका हिसाब आ गया। घरसे सम्बन्धित कागजात शुक्लको भेजे। पटवारीके साथ फिर भेंट।

फरवरी ७, रविवार

अन्त्यजोंकी शाला[४] देखने गया। अमृतलाल[५]तथा केसरीप्रसाद कल रात घर रहे। उनके साथ बातचीत की। रातको पूनाके लिए रवाना।

फरवरी ८, सोमवार

गोकुलदास सहित पूना आया। [सवेंट्स ऑफ इंडिया] सोसाइटीमें दाखिल

होनेके सम्बन्धमें बातचीत हुई।

फरवरी ११, बृहस्पतिवार

प्रोफेसर कवेंकी संस्था आदि देखीं। श्री तिलकके यहाँ गया।
 
  1. १. देखिए “अहमदाबादमें नागरिकोंके मानपत्रका उत्तर”, २-२-१९१५।
  2. २. अहमदाबादके एक उद्योगपति।
  3. ३. एक संन्यासी; धार्मिक और नैतिक शिक्षापर कम दामकी पुस्तकें प्रकाशित करनेवाली एक प्रकाशन संस्था, सस्तुं साहित्य वर्धक कार्यालय अहमदाबाद के संस्थापक।
  4. ४. देखिए “भाषण: मिशन स्कूल, बम्बई में”, ७-२-१९१५।
  5. ५. सम्भवतः अमृतलाल वी० ठक्कर, भारत सेवक समाजके सदस्य तथा दलित वर्गों और आदिवासियोंके उत्थान कार्य में सक्रिय कार्यकर्ता।