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डायरी : १९१५

जनवरी २४, रविवार

मोढ़ जातिकी ओरसे अभिनन्दन।[१]

जनवरी २५, सोमवार

पोरबन्दरमें मानपत्र।[२]महिलाओंकी ओरसे भी।

जनवरी २६, मंगलवार

गोंडल पहुँचा। पटवारीके यहाँ ठहरा। पोरबन्दरसे रणछोड़, शांति तथा गोकुल दास साथ हो लिये।

जनवरी २७, बुधवार

ठाकुर साहबसे मिलने गया। मानपत्र[३] अनाथाश्रम देखने गया।

जनवरी २८, बृहस्पतिवार

नागजी स्वामीके साथ भेंट की।

जनवरी २९, शुक्रवार

स्लेडन साहबसे मिला।

जनवरी ३०, शनिवार

राजकोटमें महिलाओंकी ओरसे मानपत्र। बा को श्रीमती स्लेडनसे मिलाने ले गया।

जनवरी ३१, रविवार

नागजी स्वामीका भाषण सुननेके लिए गया। फुलीको १,६५० रुपये देकर उसकी पूरी रकम चुका दी। [उसने] सूद पर उठानेका निश्चय किया। पैसे शुक्लने दिये। उसने फुलीका खर्च स्वयं उठाना तय किया है। गंगाभाभीको २० रुपये तथा बहनको १० रुपये प्रति मासके हिसाबसे आजसे देने आरम्भ किये जायेंगे। फुलीको ब्याजके साढ़े आठ रुपये दिये। गोकीबेनको महीनेके लिए ८ रुपये दिये। गंगाभाभीको १४ रुपये दिये।

फरवरी १, सोमवार

राजकोट छोड़ा। अहमदाबाद पहुँचा। सेठ मंगलदासके[४] यहाँ ठहरा। साथ आये गोकुलदास मोदी, बेचरभाई, रणछोड़, हरिलाल, शान्ति, काकू, छोटू तथा जमनादास।
 
  1. १. जनवरी २५ की टीपके अन्तर्गत होना चाहिए । देखिए “पोरबन्दरके मोद-समाज द्वारा भेंट किये गये मानपत्रका उत्तर”, २५-१-१९१५।
  2. २. देखिए “पोरबन्दरमें नागरिकों द्वारा भेंट किये गये मानपत्रका उत्तर”, २५-१-१९१५।
  3. ३. देखिए “गोंडलकी रसशालामें भेंट किये गये मानपत्रका उत्तर”, २७-१-१९१५।
  4. ४. अहमदाबादके उद्योगपति।
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