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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

और वह धार्मिक भावना थी जिससे प्रेरित होकर वे काम करते थे। यद्यपि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं था तथापि जब उन्हें जनरल स्मट्ससे मिलना था तब लगभग वे सारी रात इसलिए जागते रहे थे कि अपने देशवासियोंके मामलेको पूरी तौरसे तैयार कर सकें। उनकी तैयारी देखकर बोअर सरकारके नेता चकित रह गये। और इसका परिणाम क्या हुआ ? दक्षिण आफ्रिकी सरकारने उनसे वादा किया कि कुछ ही वर्षोंमें ३ पौंडी कर उठा दिया जायेगा। वह कर अब रद कर दिया गया है। और हमारे सैकड़ों देशभाइयोंको उससे होनेवाला कष्ट अब नहीं होगा। श्री गोखले अब संसारमें नहीं हैं, पर आपके और मेरे लिए यह सम्भव है कि हम अपने कामों द्वारा उनकी विचारधाराको अपने बीच जीवन्त रखें (हर्ष-ध्वनि) । हम कुछ प्रस्ताव पास करनेवाले हैं जिनके अनुसार हम लोगोंसे, जो जनताके चुने हुए प्रतिनिधि हैं या ऐसे लोग हैं जिन्होंने अपने आपको जनताका प्रतिनिधि मान लिया है, कुछ काम करनेकी आशा की जायेगी। क्या हम अपने दायित्वको उन्हीं जैसी लगनके साथ नहीं निभायेंगे। जिस जनताका हम प्रतिनिधित्व कर रहे हैं वह हमें भाषणोंसे नहीं हमारे कामोंसे तोलेगी। तो फिर हमारा क्या कर्त्तव्य है ? और अगर हम अपने गुरुके समान काम करनेको तैयार हों तभी हम इस प्रस्तावको पास करें। मैं इन शब्दोंके साथ बड़ी प्रसन्नतासे इस प्रस्तावका समर्थन करता हूँ।

[ अंग्रेजीसे ]

१५ वें बम्बई प्रान्तीय सम्मेलनकी कार्यवाहीकी रिपोर्टसे: जुलाई १९१५।

१०३. पत्र : सुन्दरम्को

मंगलवार [जुलाई १३, १९१५ को या उसके बाद]

प्रिय सुन्दरम्,

मुझे तुम्हारा पत्र पाकर प्रसन्नता हुई। तुम जब चाहो तभी आ सकते हो। मैंने तुम्हें कदापि नहीं भुलाया है। तुम जबतक मद्रासमें रहो तबतक मणिलालको तमिल सीखनेमें सहायता देते रहो और जब वहाँसे निकलो तब उसके लिए कोई तमिल साथी ढूँढ़ देना । हम नित्य मुत्ती नेरी गाते हैं, इसमें कभी नागा नहीं करते। देवदासने तमिल- में अच्छी प्रगति की है।

हृदयसे तुम्हारा

मो० क० गांधी

गांधीजीके स्वाक्षरोंमें मूल अंग्रेजी पत्र (जी० एन० ३१८८) की फोटो-नकलसे।

१. ऐसा लगता है यह पत्र मणिलाल गांधीके ७ जुलाई १९१५ को मद्रास जानेके बाद लिखा गया था।

२. गांधीजीने मूल पत्रमें ये शब्द तमिल लिपिमें लिखे हैं । ये माणिक्यवाचागर कृत प्रसिद्ध भक्ति-गीतके पहले शब्द हैं ।