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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

खर्च उठाना चाहिए। मेरी माँग तो यह थी कि अहमदाबाद मुझे पूरी जमीन और मकान सभी दे दे तो बाकी खर्च में कहीं औरसे या दूसरी तरह जुटा लूंगा। अब चूँकि विचार बदल गया है, इसलिए ऐसा लगता है कि एक वर्षका या इससे कुछ कम दिनोंका खर्च अहमदाबादको उठाना चाहिए। यदि अहमदाबाद एक वर्षके खर्चका बोझ उठानेके लिए तैयार न हो, तो ऊपर बताये गये खानेके खर्चका इन्तजाम में कर सकता हूँ। चूंकि मैंने खर्चका यह अनुमान जल्दीमें तैयार किया है, इसलिए यह सम्भव है कि कुछ मर्दे मुझसे छूट गई हों। इसके अतिरिक्त खानेके खर्चके सिवा मुझे स्थानीय स्थितियोंकी जानकारी नहीं है। इसलिए मेरे अनुमानमें भूल भी हो सकती है।

यदि अहमदाबाद सब खर्च उठाये तो विभिन्न मदोंमें खर्च इस तरह होगा:

किराया - बँगला और खेतकी जमीन

किताबोंकी अलमारियोंका खर्च

बढ़ईके औजार

मोचीके औजार

चौकेका सामान

एक बैलगाड़ी या घोड़ागाड़ी

एक वर्षके लिए खानेका खर्च : ६,०००

मेरा खयाल है कि हमें लुहार और राजके औजारोंकी भी जरूरत होगी। दूसरे बहुतसे औजार भी चाहिए; किन्तु इस हिसाबमें मैंने उनका खर्च और शिक्षण सम्बन्धी सामानका खर्च शामिल नहीं किया है। शिक्षण के सामानमें पाँच-छ: देशी हाथ करघोंकी आवश्यकता होगी।

मोहनदास करमचन्द गांधी

घरेलू सामान

४ पतीले--चालीस आदमियोंका खाना बनानेके

२ छोटी पतीलियाँ दस आदमियोंके योग्य

३ पानी भरनेके लिए पीतल या ताँबेके कलशे

४ मिट्टीके घड़े

४ तिपाइयाँ

१ कढ़ाई दस रतल खाना पकाने योग्य

३ कलछियाँ

२ आटा गूंधनेकी परातें

१ पानी गर्म करनेका बड़ा पतीला

३ केतलियाँ

५ बाल्टियाँ या नहानेका पानी रखनेके बर्तन

५ पतीलोंके ढक्कन

५ अनाज रखनेके लिए बर्तन

३ तइयाँ