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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

कृपया मुझे तमिल-पुस्तकें अवश्य भेजें। मुझे तो पढ़ना शुरू करनेवालों और सुन्दरम् जैसे लोगोंके लिए पुस्तकें चाहिए। मुझे डॉ॰ पोप[१] की सब पुस्तकें चाहिए। कृपा करके इसपर जितनी जल्दी हो सके ध्यान दें।

और आप हमें वे ओढ़नेकी चद्दरें तो भेजेंगे ही?

कृपया अपनी माताजी और पत्नी एवं उन सब मित्रोंसे जो हमें स्मरण करते हों यथायोग्य कहें।

हृदयसे आपका,
मो॰ क॰ गांधी

गांधीजीके स्वाक्षरोंमें मूल अंग्रेजी पत्र (जी॰ एन॰ २२२८) की फोटो-नकलसे।

८०. आश्रम : आनुमानिक व्यय[२]

वैशाख बदी १३,
मंगलवार [मई ११, १९१५][३]

दादा मगनभाई शान्ति
बात उनकी पत्नी रणछोड़
मैं स्वयं उनका पुत्र काकू
सुन्दरम् मगनलाल केशू
नायकर शिवपूजन कृष्ण
संतोक शान्ति प्रभुदास
रूखी नवीन राजंगम
राधा कुप्पु रति
मणिलाल फकीरी मगन
रामदास बाला तीन अन्य तमिल
देवदास चावडाकी लड़की  
काका छोटालाल  
नारणजी नारणदास  
उनकी पत्नी पार्थ सारथी  
  1. जॉर्ज उग्लो पोप (१८२०-१९०८); दक्षिण भारतमें मिशनरी कार्यकर्त्ता, १८३९-८१; ऑक्सफोर्ड युनिवर्सिटी में तमिल तथा तेलगुके प्राध्यापक, १८८४-९६; तमिल भाषा सम्बन्धी कुछ पुस्तकोंके लेखक तथा कुरल और तिरुवाचकम्के अनुवादक। देखिए खण्ड ८, पृष्ठ १३१।
  2. "आश्रमके संविधानका मसविदा", २०-५-१९१५ से पूर्व, भी देखिए।
  3. यह विवरण अहमदाबादके सेठ मंगलदास गिरधरलालकी जानकारीके लिए तैयार किया गया था; देखिए "डायरी : १९१५"।