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३२. तार: कैलरेको

[फीनिक्स
अप्रैल २६, १९१३]

कैलरे

संसदमें विधेयकका दूसरा वाचन आरम्भ।[१] आशा है समितिका तार गया होगा। समिति इसकी नकल चैपलिन, अलेक्जेंडर, स्मार्ट, मेरीमैनको तारसे आशा है भारतीय स्त्रियोंका विरोधपत्र भेज दिया गया होगा।

गांधी

गांधीजीके स्वाक्षरोंमें अंग्रेजी मसविदे (एस० एन० ५७८७) की फोटो-नकलसे ।

३३. तीन पौंडी कर-सम्बन्धी निराशा

प्रामाणिक सूत्रसे मालूम हुआ है कि राजनीतिक स्थितिकी मजबूरियोंके कारण इस अधिवेशनमें १८९५ के अधिनियम १७ के अन्तर्गत लिय जानेवाले ३ पौंडी करको रद करनेके लिए सरकार कोई विधेयक नहीं लाना चाहती। भूतपूर्व गिरमिटिया भारतीयोंको गिरमिटकी अवधि समाप्त होनेपर नेटाल में स्वतन्त्र रहने के लिए यह कर देना पड़ता है। इस समाचारसे न केवल उन लोगोंको, जिनपर इसका प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है, बल्कि समस्त भारतीय समाजको धक्का लगेगा और गहरी निराशा होगी, क्योंकि वह सही ही, इस करको अपने सम्मान और सामाजिक सन्निष्ठापर लगाया गया कर मानता । चूंकि जनरल बोथा और जनरल हर्ट सॉग दलगत झगड़े में व्यस्त है इसलिए सारे देशका काम-धाम ठप हो जाना लाजिमी है। जनरल बोथाने यह रुख अपनाया है कि वे अपने प्रतिद्वन्द्वीसे साम्राज्य के हितमें लड़ रहे है। जनरल बोथाने माननीय श्री गोखलेको अलिखित वचन दिया था कि वे इस करको जल्दी ही रद कर देंगे। लगता है, उनके उक्त रुखमें और उस अलिखित वचनको निभानेकी उनकी असमर्थतामें जो असंगति है उसे जनरल बोथा अनुभव नहीं करते। यह रहस्य किसीसे छुपा नहीं है कि श्री गोखलेकी यात्राके दौरान ही सरकारके इरादोंकी सार्वजनिक घोषणा क्यों नहीं की गई। कारण सिर्फ यह था कि मन्त्रिगण कोई निश्चित वादा करनेके पूर्व नेटालके सदस्योंकी भावनाका पता लगा लेना चाहते थे। सदनमें वित्तीय-सम्बन्ध-विधेयकपर दिये गये जनरल स्मट्सके वक्तव्यसे विदित होता है कि अधिकांश सदस्योंकी रायमें इस करको जारी रखना अन्यायपूर्ण है और वे इसके जारी रखने के विरुद्ध हैं। तब

  1. १. दूसरा वाचन २६ अप्रैल, १९१३ को प्रारम्भ हुआ ।