पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 12.pdf/६९३

यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
६५३
तारीखवार जीवन-वृत्तान्त

जून २२ के बाद: गांधीजीने एक खुले पत्र में जोर देकर कहा कि वे विधेयकसे होने- वाले किसी भी अन्यायके विरुद्ध संघर्ष करेंगे।

जून २४ : जॉर्जेस द्वारा गांधीजी बातचीत के लिए आमन्त्रित।

जून २६: संसदमें राहत विधेयकका तीसरा वाचन।

जून २७: गांधीजीकी केप टाउनमें स्मट्ससे दो घंटे तक बातचीत। विधेयककी स्वीकृति- म गांवोजीकी सहायता के लिए बुलाई गई यूरोपीय सभा में भाषण।

जून ३० : जॉर्जेसको लिखा कि 'भारतीय राहत विधेयकके पास होनेपर ...सत्या- ग्रह संघर्ष, जो १९०६ के सितम्बरमें प्रारम्भ हुआ था, अन्तिम रूपसे बन्द कर दिया गया।

जुलाई १ : कैलेनबैक और कस्तूरबाके साथ केप टाउनसे फीनिक्सके लिए रवाना। राहत विधेयकपर गवर्नर जनरलकी स्वीकृति; बादको उपनिवेश कार्यालयको तार दिया कि 'महत्वपूर्ण प्रशासनिक मुद्दोंपर" समझौता।

न्यूजीलैंड द्वारा एशियाइयोंके प्रवेशमें बाधा डालने के उद्देश्यसे भाषाकी परीक्षा लागू करनेके लिए विधेयक पेश।

जुलाई ५: गांधीजीका डर्बन स्वागत समारोहमें भाषण; विदाई भोजमें कहा कि विधेयक ऐसा न्याय्य-विधेयक है जिसकी साम्राज्यके हितके लिए नितान्त आवश्यकता थी।

जुलाई ८ : डर्बनके टाउन हॉलमें विदाई सभाके अवसरपर अभिनन्दनपत्र भेंट।

जुलाई ९ : गुजरातियों एवं ढेड़ों द्वारा गांधीजी व कस्तूरबाका सम्मान; खेल-कूद समारोहमें भाषण।

जुलाई १० : प्रिटोरियाकी एशियाई बस्ती में विदाई-सभामें भाषण।

जुलाई ११ : फीनिक्स बस्तीसे विदाई।

जुलाई १२ : वेरुलममें विदाई-सभामें भाषण; जोहानिसबर्ग के लिए रवाना।

जुलाई १३ : शामको जोहानिसबर्ग पहुँचे, जलूसमें ले जाये गये, गेटी थियेटरमें सार्व- जनिक सभामें भाषण।

जुलाई १४: जोहानिसबर्ग के मैसॉनिक हॉलमें विदाई भोजन; सी० के० टी० नायडू द्वारा राष्ट्रीय सेवा के लिए उन्हें अपने चार पुत्र भेंट।

गांधीजी यूरोपीय समितिसे मिले, अस्थायी समझौते के बारेमें बातचीत; 'ट्रान्सवाल लीडर'को भेंट दी । नेटाल भारतीय कांग्रेस तथा हमीदिया इस्लामिया अंजुमनके एक दलने 'मर्क्युरी' के इस आशयका पत्र भेजा कि गांधीजीके कार्य सन्तोष- जनक नहीं हैं और राहत विधेयक मान्य नहीं।

जुलाई १५ के पूर्व : गांधीजीने दक्षिण आफ्रिकी भारतीयोंको विदाई-पत्र लिखा। जुलाई १५ : ब्लूमफाँटीन कब्रगाहमें स्मारक उद्घाटन समारोहके अवसरपर वलिअम्मा, नागप्पन तथा सत्याग्रहियों को श्रद्धांजलि दी।

ट्रान्सवाल भारतीय महिला-संघ, तमिलों तथा मुसलमानोंकी सभा भाषण । जुलाई १६ : सुबह ८ बजे प्रिटोरिया पहुँचे; भारतीय बस्ती में भाषण; केपटाउन रवाना।

जुलाई १७ : वेरीनिगिंग (फेनिखन) पहुँचे।