फरवरी ७ : डर्बन में भारतीय महिला-सभाका उद्घाटन, कस्तूरबा तथा श्रीमती पोलक संरक्षक निर्वाचित।
जाँच आयोगकी नेटालकी बैठक समाप्त।
फरवरी ८: गांधी-स्मट्स समझौतेके समर्थनके लिए स्टैंजर में भारतीयोंकी सभा।
फरवरी ९ : हमीदिया इस्लामिया अंजुमनने मुसलमानी धर्मके अनुसार विवाहके प्रश्नको तय करने की माँग करते हुए एक प्रस्ताव राबर्ट्सनको दिया।
फरवरी १२ : केपटाउन सिटी हॉलमें आयोजित एक सार्वजनिक सभामें ऐन्ड्रयूजका टैगोरपर भाषण।
फरवरी १७ : गोखलेका इंग्लैंडके लिए प्रस्थान।
फरवरी २० : ऐन्ड्रयूजका केपटाउनके विश्वविद्यालयके छात्रों में भाषण।
फरवरी २१ : गांधीजीका एन्ड्रयूजको विदाई देनेके समारोहमें भाषण; ऐन्ड्रयूजका बादको जहाजसे इंग्लैंडके लिए प्रस्थान।
फरवरी २२: कुमारी वल्लीअम्मा मूनसामी मुदलियर नामक एक सत्याग्रहिणीकी, जो मरित्सबर्ग जेलमें बीमार थी, मृत्यु।
फरवरी २४ : मद्रास लीग द्वारा इंग्लैंडमें दक्षिण आफ्रिकी भारतीयोंका मामला पेश करनेके लिए गोखले, श्रीनिवास शास्त्री और अन्य नियुक्त।
फरवरी २६ : स्मट्सने गांधीजीसे प्रार्थना की कि जाँच आयोगकी रिपोर्ट प्रकाशित होने तक भेंट स्थगित रखें।
फरवरी २७ : गांधीजीने केपटाउनसे गोखलेको लिखा कि समझौता होनेपर उनकी भारत लौटने, एक वर्ष तक बिलकुल मौन धारण करने और गोखलेके चरणोंमें शिक्षा ग्रहण करनेकी इच्छा है।
मार्च २: गांधीजीने हरिलालको कस्तूरबाकी बीमारीके बारेमें लिखा कि वे "जीवन और मरणके बीच झूल रही हैं। "
सोराबजीने छगनलालको लिखा कि उनकी मृत्यु हो जानेपर उनके पारिवारिक मामलोंको किस प्रकार व्यवस्थित किया जाय।
मार्च ४ : विशिष्ट शिकायतोंके सम्बन्धमें भारतीयोंको राहत पहुँचानेके बारेमें राबर्टू- सनको लिखा।
मार्च ७ : सॉलोमन आयोगकी रिपोर्ट सरकारको पेश।
मार्च ९ : पोरबन्दरमें लक्ष्मीदास गांधी की मृत्यु।
मार्च ११ : संसदमें भाषण देते हुए स्मट्सने कहा कि गांधीजीको पहलेकी तरह कार्य करनेकी अनुमति इसलिए दी गई कि “राज्यको उलटनेके लिए उन्होंने हिंसक तरीकोंकी कभी भी वकालत नहीं की। "
मार्च १३ : गांधीजीने एक पत्रमें ऐन्ड्रयूजको लिखा; 'गत सप्ताहमें श्रीमती गांधी मृत्युके निकट पहुँच गई थीं, इसलिए पिछले १० दिनोंमें मैंने उनकी परिचर्याक सिवा और कुछ नहीं किया। "
मार्च १६ : दक्षिण आफ्रिका के लिए नियुक्त बम्बई समितिने आयोगकी सिफारिशोंके