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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

दिसम्बर २९ : गांधीजीने गोखलेको लम्बा वक्तव्य भेजा। गृह मन्त्री द्वारा गांधीजी के

२५ दिसम्बरके तारका उत्तर देते हुए भारतीय नेताओंके मंत्रीपूर्ण लहजेकी प्रशंसा, गांधीजीसे बातचीतके मुद्दोंको लिखकर भेजनेके लिए कहा।

गांधीजीने आयोग में २ और सदस्य मनोनीत करनेके लिए गृह मन्त्रीपर जोर दिया, व्यक्त किया कि वे जाँचके विषयोंको विस्तृत करके सॉलोमनके अधीन एक व्यक्ति आयोग स्वीकार करनेकी सलाह देने के लिए तैयार हैं; कैदियोंको रिहा करने तथा समझौते के सम्बन्धम मुलाकातकी वकालत की।

'नेटाल मर्क्युरी 'को स्पष्ट किया कि कूच १ जनवरी १९१४को पुनः प्रारम्भ नहीं होगी।

गवर्नर जनरल द्वारा उपनिवेश कार्यालयको समझौतेके सम्बन्धमें प्रयत्न किये जाने के बारेमें तार।

दिसम्बर ३०: गांधीजीने गोखलेको विश्वास दिलाया कि भारतीय एक सप्ताह या उससे भी अधिक देर तक जबतक कि राबर्टसनको स्थितिकी जाँच करनेका अवसर नहीं मिलता, प्रतीक्षा करेंगे।

'नेटाल मर्क्युरी' के सम्पादकीयकी आलोचना करते हुए, सत्याग्रहके जरिये अपने सम्मानको रक्षाके बारेमें भारतीय समाजके निश्चयको दोहराया।

दिसम्बर ३१: गांधीजीने गोखलेको सूचित किया कि स्थितिको देखते हुए पोलक इंग्लैंड नहीं भेजे जा सकते।

गोखले द्वारा सॉलोमन आयोग तथा सम्बन्धित मामलोंपर दिये गये गांधीजीके वक्तव्य प्रकाशित।

१९९४

जनवरी १ : आन्दोलनका समर्थन करते हुए तथा इस बातसे इनकार करते हुए कि

सत्याग्रह में हिंसा भी शामिल है, गांधीजीने सिनेटर कैम्बेलको लिखा।सर बेन्जामिन राबर्ट्सनका बम्बईसे दक्षिण आफ्रिकाके लिए प्रस्थान।

जनवरी २: सी० एफ० ऐन्ड्रयूज तथा डब्ल्यू डब्ल्यू० पियर्सन डर्बन पहुँचे। एन्ड्रयूज- के पहुँचने तथा आयोग में निष्पक्ष यूरोपीय नियुक्त करनेके लिए किये जानेवाले प्रयत्नोंके बारेमें गोखलेको तार।

जनवरी ३: गोखलेको भेजे गये एक तारमें सत्याग्रहमें शामिल होनेके लिए हरिलालको वापस भेजनेका आग्रह।

जनवरी ४: ऐन्ड्रयूज और पियर्सनके सम्मान में भारतीय फेरीवालोंके संघ द्वारा राय- टरको भेंट दी।

जनवरी ५: ७० वर्षके सत्याग्रही हरबर्तासिंहकी, जो तीन मासकी सज़ा काट रहा था, फोक्सरस्ट जेलमें निमोनियासे मृत्यु।

जनवरी ७: गांधीजी व ऐन्ड्रयूजका स्मट्ससे मुलाकातके लिए प्रिटोरिया प्रस्थान।

जनवरी ८ के पूर्व : ब्लैकबर्न बागानमें पुलिसकी गोलीसे बहुतसे भारतीयोंकी मृत्यु।

जनवरी ८: गांधीजीका स्मट्ससे मुलाकात करने का प्रयत्न।