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तारीखवार जीवन-वृत्तान्त

नवम्बर २७: नेटाल भारतीय कांग्रेसका सरकार द्वारा सत्याग्रहियोंका भयानक दमनके बारेमें गोखलेको तार; भारत, साम्राज्य सरकारोंपर हस्तक्षेप करनेके लिए जोर; भारतीयोंपर पुलिसके आक्रमणके बारेमें जाँच करनेकी सुविधा देनेके लिए न्याय-मन्त्री, प्रिटोरियाको भी तार। माउंट एज़कम्बमें हड़तालियों और पुलिसके संघर्षका परिणाम ६ भारतीयों की मृत्यु।

नवम्बर २८: दिल्ली में भाषण देते हुए गोखले द्वारा दक्षिण आफ्रिकी भारतीयोंकी भीषण दुर्दशाका उल्लेख।

नवम्बर ३० : डर्बन, जोहानिसबर्ग (ब्रि० भा० सं०) मैरित्सबर्ग, न्यू कैंसिल, दूसरे नगरों में सार्वजनिक सभाओं द्वारा नेताओंके प्रति अपनी निष्ठा व्यक्त; शाही जाँचके लिए गोखलेकी माँगका समर्थन।

दिसम्बर १ : अखिल भारत तथा दक्षिण आफ्रिका संघके शिष्टमण्डलकी दक्षिण आफ्रिकी भारतीयोंकी शिकायतोंके सम्बन्धमें भारत-मन्त्रीसे भेंट।

दिसम्बर २: २५ व्यक्तियोंका चार्ल्सटाउनसे ट्रान्सवालमें प्रवेश, तीन मासकी कड़ी कैदको सजा; ब्रिटिश भारतीय संघ के अध्यक्षने भारतीयोंकी सार्वजनिक सभाके प्रस्तावको गवर्नर-जनरलके पास भेजा।

दिसम्बर ३: ५० से ६० तक सत्याग्रही मैरित्सबर्ग जेलसे डर्बन भेजे गये, सभी ३० नवम्बरसे भूख हड़तालपर, एन० आई० ए०को सूचना प्रदान।सुरेन्द्रनाथ बनर्जी और ए० सी० मजूमदारके कलकत्तेमें दक्षिण आफ्रिकी भारतीयोंके समर्थन में भाषण।

दिसम्बर ४ : डर्बन जेल अधीक्षकने वेस्टकी मुलाकात में बताया कि जेलमें भूख हड़ताल नहीं, मुख्य मजिस्ट्रेट द्वारा मामलेकी जांच-पड़ताल।

दिसम्बर ६ : श्लेसिन, वेस्टको भूख-हड़तालियोंसे मुलाकात करनेकी अनुमति देनेसे इनकार।

दिसम्बर १० : बम्बईकी सार्वजनिक सभा द्वारा दक्षिण आफ्रिका में भारतीयोंके साथ होनेवाले दुर्व्यवहारकी निन्दा करते हुए प्रस्ताव पास; सर फिरोजशाह मेहताका भाषण।

दिसम्बर ११ : अशान्तिकी जाँच करने के लिए सरकार द्वारा आयोगकी नियुक्ति; सर विलियम सॉलोमन उसके अध्यक्ष, एवाल्ड एसेलेन, जे० एस० वाइली सदस्य नियुक्त।

दिसम्बर १४: गांधीजीने ब्लूमफॉन्टीन जेलसे फीनिक्स में कुमारी वेस्टको लिखा।

दिसम्बर १५ : जोहानिसबर्ग, केपटाउन, डर्बन, मैरित्सबर्ग, किम्बलें और पॉचेफस्ट्रमकी सार्वजनिक सभाओं द्वारा आयोगकी रचनाका विरोध।

दिसम्बर १६ : बम्बईके गवर्नर, लॉर्ड विलिंग्डन द्वारा दक्षिण आफ्रिकी प्रश्नका "अपनी ही अनिवार्य विशेषताओंके कारण उच्च-स्तरीय शाही प्रश्न "के रूपमें उल्लेख।

दिसम्बर १७ के पूर्व : गोखलेने गांधीजीको तार दिया कि भारतीयोंकी जाँचके लिए सी० एफ० ऐंड्रयूज तथा डब्ल्यू० डब्ल्यू० पियर्सन दक्षिण आफ्रिका आयेगे।