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तारीखवार जीवन-वृत्तान्त

नवम्बर ६-३० : बजे प्रातःकाल २,३०३७ व्यक्तियोंके 'महान् कूच का चार्ल्स टाउनसे नेतृत्व; इनमें १२७ महिलाएँ और ५७ बच्चे; चार्ल्स टाउन और फोक्सरस्टके बीच आधे मार्ग में कूच करनेवालों में भाषण।

फोक्सरस्टमें सीमा पुलिसके अधीक्षक तथा प्रवासी अधिकारीने गांधीजी तथा कैलेनबैकके बयान लिये। कूच करनेवालोंने पुलिसका घेरा तोड़कर सीमा पार की। पामफोर्ड रेलवे स्टेशन पर ८-३० बजे शामको गांधीजी गिरफ्तार; कूच करने- वालोंकी यात्रा जारी।

नवम्बर ७ : गांधीजी फोक्सरस्ट न्यायालयके सामने पेश; ५० पौंडकी जमानतपर रिहा; मामला १४ नवम्बर तकके लिए स्थगित; ३३ मील मोटरसे गये; कूच करनेवालों में! पुनः शामिल मार्ग में पाडेकॉलके स्थानपर सत्याग्रहियोंमें बूढ़े तथा कमजोर लोगोंको दवाइयाँ दीं।

अन्य कूच करनेवालोंके साथ कूच जारी रखनेकी अनुमतिके लिए गृह मन्त्रीको तार; अन्यथा सरकारको कूच करनेवालोंकी देखभाल करनेकी जिम्मेवारी लेनी चाहिए।

उमलोटी घाटी चीनी कम्पनीके भारतीय मजदूर हड़तालपर।

नवम्बर ८ : गांधीजी स्टैंडर्टन पहुँचे; गिरफ्तार और ५० पौंडकी जमानतपर रिहा; मामला २१ नवम्बर तकके लिए उठा दिया गया। टुकड़ीने कूच जारी रखा। रायटरने भेंट ली, गांधीजीने महसूस किया कि सरकार जरूर तीन-पौंडी कर हटा देगी।

नवम्बर ९ : डंडीके वारंटपर ग्रेलिंगस्टाडके निकट टीकवर्थ में गिरफ्तार, हड़तालको

प्रोत्साहन देनेका आरोप, सत्याग्रहियोंसे बातचीत करनेकी अनुमति नहीं; रात- भरके लिए गुप्त रूपसे बालफोर ले जाये गये।

कूच करनेवालोंका पोलकके नेतृत्व में ग्रेलिंगस्टाडकी ओर कूच।

नवम्बर १० : गांधीजीकी मामला उठा रखने, कूच करनेवालोंको टॉल्स्टॉय फॉर्म ले जानेकी अनुमतिके लिए प्रार्थना मजिस्ट्रेट द्वारा अस्वीकृत, सरकारको आगे भेजी गई। 'कर हटानेका वादा करने तक' गांधीजीकी दिनमें एक बार खानेकी प्रतिज्ञा। दलने कूच जारी रखा, बालफोर पहुँचा; २,००० कूच करनेवाले निषिद्ध प्रवासी घोषित, गिरफ्तार और विशेष रेलगाड़ीसे नेटालमें निर्वासित; पोलक, कैलेनबैक निषिद्ध प्रवासियोंका पक्ष लेने, तथा उन्हें ट्रान्सवालमें प्रवेश करनेके लिए उक- सानेके आरोप में गिरफ्तार। मामले १३ नवम्बर तकके लिए उठा रखे गये। मौरित्सबर्ग में जेलमें सत्याग्रहियों द्वारा तीन दिनका उपवास।

नवम्बर ११ के पूर्व : गांधीजीने एक सन्देशमें, कूच करनेवालोंके साहस तथा बलिदानकी प्रशंसा की; जेल न जानेवालोंसे अपील की कि हड़तालियोंको खाना उपलब्ध करनेके लिए दिनमें एक वक्तका खाना छोड़ दें।

नवम्बर ११ : डंडी मजिस्ट्रेट द्वारा गांधीजीको ५० पौंड जुर्माने या ९ मासकी कड़ी कैदकी सजा; कैदकी सजा पसन्द की; एक सन्देशमें हड़तालियोंसे अपील की कि तीन-पौंडी कर हटाने तक हड़ताल जारी रखें।