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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

प्रागजी देसाईको न्यू कैंसिल खान भू-सम्पतिमें अवैध हस्तक्षेप करनेका आरोप लगाकर तीन मासकी कैदकी सजा।

अक्तूबर ३० : गांधीजी २०० व्यक्तियोंके साथ चार्ल्स टाउन पहुँचे; महिला कैदियोंको जबरदस्ती टीका लगानेकी जाँच करनेके लिए गृहमन्त्रीको तार दिया; 'इंडियन ओपिनियन'को तार दिया कि हड़तालके क्षेत्रमें ५,००० भारतीयों पर असर, ४,००० को भोजन और सहायता दी जा रही है, इनमें ३०० महिलाएँ और ६०० बच्चे शामिल; ३०० सत्याग्रही जेलमें। थम्बी नायडूके नेतृत्वमें ३०० तथा अल्बर्ट क्रिस्टोफरके नेतृत्व में २०० कूच करनेवाले लोगोंका न्यू कैसिलसे प्रस्थान; बैलेंगीश कोयला खानके करीब १५० भारतीय जेलमें।

अक्तूबर ३१ : गांधीजीने न्याय-सचिवको सूचित किया कि यदि उन भारतीयोंको जिन्होंने स्वयं अपनेको पेश किया है, गिरफ्तार नहीं किया जाता तो वे ट्रान्सवालमें कूच करेंगे । ए० डी० पिल्लेके नेतृत्वमें करीब २०० स्त्री-पुरुषोंका न्यू कैंसिलसे फोक्सरस्टके लिए प्रस्थान, अन्य ५०० व्यक्तियोंका रेलगाड़ीसे प्रस्थान।

नवम्बर २: गांधीजीकी देख-रेखमें १,५०० सत्याग्रही थे, जो चार्ल्स टाउनमें रखे गये थे।

नवम्बर ३ : रायटरको सूचना दी कि उन्होंने १,५०० व्यक्तियोंको लेकर ट्रान्सवालमें कूच करनेका इरादा किया है; यदि गिरफ्तार नहीं किये गये तो वे टॉल्स्टॉय फॉर्म जायेंगे।

'नेटाल एडवर्टाइज़र', ने सूचना दी कि वहाँ २,००० से अधिक भारतीय पड़ाव डालें बैठे हैं, जिनमें से ५०० लेडीस्मिथसे आये।

नवम्बर ४ के पूर्व : गांधीजीने कूचकी स्थिति के बारेमें सूचना देते हुए गोखलेको तार दिया।

नवम्बर ४ : न्यू कैसिलसे १,७०० सत्याग्रहियोंने कूच प्रारम्भ किया।

नवम्बर ५ के पूर्व : रेलवे कर्मचारी हड़तालमें शामिल।

बैलेंगीशके १७५ हड़ताली १० नवम्बर तकके लिए हिरासतमें; उन्हें स्थान देने में सरकार असमर्थ रही, इसलिए छोड़ दिये गये।

नवम्बर ५ : गांधीजीने तीन-पौंडी कर हटानेका आश्वासन देनेके लिए स्मट्सको तार दिया, ताकि 'कूच' बन्द कर दिया जाये; स्मट्सकी इनकारी।

गांधीजी द्वारा कूचका नेतृत्व करनेके अपने निश्चयकी 'नेटाल मर्क्युरी' में पुन: पुष्टि। ७०० भारतीय सत्याग्रहियोंका न्यू कैसिलसे प्रस्थान। लन्दन में भारतीयोंकी सभाने घोषणा की कि उपनिवेशोंमें भारतीयोंको नागरिकताके अधिकार नहीं दिये जाते; वे शाही दायित्वों में हाथ नहीं बँटा सकते; श्रीमती गांधी तथा अन्य लोगोंकी वीरताको प्रशंसा की।

डंडीमें बहुतसे भारतीयोंको तीन-पौंडी कर न हटाने तक काम करनेसे इनकार करनेके कारण जुर्माने, कैदकी सजा।

नवम्बर ६ के पूर्व : गांधीजीने हड़तालकी स्थितिके बारेमें गोखलेको तारसे सूचना दी कि वे ६ नवम्बरको 'महान् कूच'का नेतृत्व करेंगे।