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तारीखवार जीवन-वृत्तान्त

अक्तूबर ८ : बाई फातिमा महताब, उनकी माता, उनका पुत्र तथा नौकर गिरफ्तार होने के लिए डर्बनसे फोक्सरस्ट गये।

अक्तूबर ९ : गांधीजी जोहानिसबर्ग के हिन्दुओंकी सभामें शामिल हुए। सभा द्वारा सत्या- ग्रहकी सहायताका दावा। मेढ, प्रागजी देसाई तथा मणिलाल गांधीको १० दिनेके कठिन कारावासकी सज़ा।

अक्तूबर १० : चार्ल्सटाउन जाते हुए ७ सत्याग्रही फोक्सरस्टमें रोके गये, किन्तु गिर- फ्तार नहीं किये गये।

अक्तूबर १३: पी० के० नायडू, जीवन प्रेमजी तथा ९ अन्य व्यक्ति गिरफ्तार होनेके लिए जोहानिसबर्ग में फेरी लगाते रहे।

अक्तूबर १४: श्रीमती महताब और उनके दलको तीन मासके कठोर कारावासकी सजा।

नायडू, भवानीदयाल तथा रामनारायण रेलवे कार्यकर्ताओंको उपद्रव करनेके लिए भड़काने के आरोप में जेल भेज दिये गये।

अक्तूबर १५ के पूर्व : चैपलिनने डर्बनकी एक सभामें तीन-पौंडी कर तथा अपील- निकायमें प्रवासी अधिकारियोंको नियुक्त करनेकी नीतिकी आलोचना की।

अक्तूबर १५ : गांधीजीन भारतीयोंकी माँगोंको दोहराते हुए, विवाहों के प्रश्न तथा तीन- पौंडी करपर नये विधानकी आवश्यकता बताते हुए वक्तव्य दिया। यूरोपीय समितिके अध्यक्ष हॉस्केनने गृह मन्त्रीको पत्र लिखकर भारतीय माँगका समर्थन किया और मध्यस्थता करनेके लिए अपनी सेवाएँ अर्पित की।

अक्तूबर १६: न्यू कैसिलके उपनिवेश में उत्पन्न भारतीयोंने गांधीजीकी नीतिका समर्थन करते हुए प्रस्ताव पास किया।

प्रिटोरियासे प्राप्त हिदायतोंपर मेढ, प्रागजी देसाई, मणिलाल गांधी, वीरासामी, फ्रांसिस और ७ अन्योंके विरुद्ध एशियाई अधिनियम के अन्तर्गत लगाये गये आरोप वापस लिये गये।

अक्तूवर १७: गांधीजी न्यू कैसिलके पास कोयला खानोंके क्षेत्रमें गये। उन्होंने गिर- मिटिया भारतीयोंपर जोर दिया कि वे सरकारके तीन-पौंडी कर हटानेका वादा न करने तक हड़ताल करते रहें। संघर्षने नया मोड़ लिया। ७८ मजदूरोंने हड़ताल की; गिरफ्तार करनेपर चारको २ सप्ताहके कठिन कारावासकी सजा। ३,००० से भी अधिक गिरमिटिया भारतीय खान-मजदूरों द्वारा हड़तालका निर्णय। डर्बनके हिन्दुस्तानी संघ द्वारा सत्याग्रहके समर्थन में सभा, गांधीजीके नेतृत्व में विश्वास की घोषणा। लन्दनमें रायटरकी एजेन्सी द्वारा भेंट लेनेपर फिशरने बताया कि यदि भारतीय सैद्धान्तिक प्रश्नको छोड़ दें और व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाएँ तो अस्थायी समझौता सम्भव।

अक्तूबर १८: पन्द्रह सत्याग्रही गिरफ्तार होनेके लिए न्यू कैसिलसे फोक्सरस्ट रवाना।

पोलकने न्यू कैंसिलके मजिस्ट्रेट तथा खानोंके प्रबन्धकोंको आश्वासन दिया कि भारतीय शारीरिक शक्तिका उपयोग नहीं करेंगे।