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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

सितम्बर २८ : संघर्षकी गम्भीरताके बारेमें गृह मन्त्रालयको लिखा और पुनः विचार करनेकी अपील की।

ब्रिटिश भारतीय संघ द्वारा आयोजित फीडडॉर्पकी सार्वजनिक सभामें गांधीजी, कैलेनबैंक तथा रिचका भाषण। सरकार द्वारा शिकायतें दूर करने तक संघर्ष जारी रखनेका निश्चय।

सितम्बर २९ : एक भेंट में गांधीजीन 'ट्रान्सवाल लीडर'को संकेत दिया कि संघर्ष करीब १०० सत्याग्रहियों तक ही सीमित रहेगा। सीमा पारकर तथा बिना अनुमति पत्रके फेरी लगाकर सत्याग्रह करनेके और उदाहरण।

सितम्बर ३० : गांधीजीने 'ट्रान्सवाल लीडर की इस रिपोर्टका खण्डन किया कि प्रभाव- शाली भारतीय व्यापारी इस संघर्ष के विरुद्ध हैं। बदरी और उसके साथी निर्वासित; पुनः सीमा पार करनेपर पुनः गिरफ्तार, तीन मासकी सख्त कैदकी सजा।

एस० बी० मेढ, प्रागजी के० देसाई तथा मणिलाल गांधी फेरी लगानेके कारण गिरफ्तार, ७ दिनकी सख्त कैदकी सजा।

जोहानिसबर्ग के भारतीय व्यापारियोंने 'ट्रान्सवाल लीडर'को लिखे एक पत्रमें उसके द्वारा लगाये गये अभियोगसे इनकार किया।

अक्तूबर १ के पूर्व : पारसी अंजुमनने गृह-मन्त्रीको तार देकर बताया कि वह सत्याग्रह- आन्दोलनसे सम्बद्ध है।

अक्तूबर १ : अंजुमन इस्लाम, डर्बनके तत्वावधान में भारतीयोंकी सार्वजनिक सभा; आन्दोलनका समर्थन करते हुए प्रस्ताव पास।

अक्तूबर २ : कैलेनबैक और १२ महिलाओंका गिरफ्तारीके लिए जोहानिसबर्ग से मैरित्सबर्ग के लिए प्रस्थान।

अक्तूबर ३ : अंजुमन इस्लामने डर्बनकी ग्रे स्ट्रीट मस्जिदमें सभा बुलाई; विवाह कानूनोंका विरोध करते हुए प्रस्ताव पास। पोलक जोहानिसबर्ग पहुँचे। "रैंड डेली मेल " ने भेंट ली।

अक्तूबर ५ के पूर्व : पारसी रुस्तमजी तथा अन्य बन्दियों द्वारा मैरित्सबर्ग जेलमें जेल- अधिकारियोंके यज्ञोपवीत वापस न करने तथा अनिवार्य टीका लगाना बन्द न करने तक अनशन करनेका निश्चय।

अक्तूबर ५ : गांधीजीका जोहानिसबर्गकी पाटीदार संघकी सभा भाषण, सभा द्वारा सत्याग्रह आन्दोलनके समर्थन में प्रस्ताव पास; जमिस्टन तथा पीटर मैरित्सबर्ग में भी इस प्रकारकी सभाएँ।

अक्तूबर ६ : डर्बनकी दो मुसलमान महिलाएँ फोक्सरस्टमें सीमा पार करती हुई गिर- फ्तार।

अक्तूबर ७ : एस० बी० मेढ, प्रागजी देसाई तथा मणिलाल गांधीने जेलकी सजा समाप्त होनेपर जोहानिसबर्ग में फेरी लगाईं, हथकड़ियाँ डाले न्यायालयमें ले जाये गये;

उनपर प्रमाणपत्र न दिखानेका आरोप; अपने ही मुचलकोंपर छोड़ दिये गये।