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तारीखवार जीवन-वृत्तान्त

सितम्बर ४ : गांधीजीका जोहानिसबर्ग से फीनिक्सके लिए प्रस्थान।

मगनलाल गांधीको सरजूके मामले में चेतावनी देकर छोड़ दिया गया।

सितम्बर १० : गांधीजीने बहुपत्नीक विवाहोंके प्रश्नके सम्बन्ध में गृहमन्त्रीके निजी सचिवको तार दिया; कानूनमें संशोधन न होनेपर सत्याग्रह पुनः प्रारम्भ करनेको अनिवार्य करार दिया।

सितम्बर ११ : डर्बनकी पारसी अंजुमनने गृह-सचिवको पत्र लिखकर प्रवासी अधिनियमके अन्तर्गत आनेवाले विनियमोंपर आपत्ति व्यक्त की।

सितम्बर १२: काछलियाने सत्याग्रह पुनः प्रारम्भ करनेके भारतीयोंके निर्णयके बारेमें सरकारको सूचना दी।

सितम्बर १३ : गांधीजीने 'इंडियन ओपिनियन 'में घोषित किया कि बातचीत "निष्फल

साबित हुई ”

सितम्बर १५ : सत्याग्रह पुनः प्रारम्भ; सत्याग्रहियोंका अग्रिम दल, जिसमें १२ पुरुष व कस्तूरबा गांधी-समेत ४ महिलाएँ थीं, सीमा पार करनेके लिए रेल द्वारा डर्बनसे फोक्सरस्ट गया। ट्रान्सवालके प्रमुख भारतीय व्यापारियों द्वारा स्वर्ण-कानून तथा कसबा अधिनियमके विरुद्ध संघर्ष छेड़नेका निश्चय।

सितम्बर १६ : पारसी रुस्तमजी तथा अन्य सत्याग्रहियोंपर नये अधिनियमके अन्तर्गत निषिद्ध प्रवासी होनेका आरोप।

गांधीजीने हरिलाल गांधीको अपनी पत्नीके साथ दक्षिण आफ्रिका वापस आनेके लिए लिखा, सत्याग्रहीके रूप में जेलके लिए तैयार रहनेकी सलाह दी। कस्तूरबा अन्य सत्याग्रहियोंके साथ गिरफ्तार।

सितम्बर २० : भारतीयोंको सलाह दी कि बिना परवानेके फेरी लगाकर या व्यापार करके अपनेको गिरफ्तार कराएँ; जब परवाना दिखानेके लिए कहा जाये तब वैसा करने से इनकार कर दें।

सितम्बर २१ : 'नेटाल मर्क्युरी' में सत्याग्रहका सहारा लेनेके भारतीयोंके निश्चयको स्पष्ट किया।

सितम्बर २२ : सत्याग्रहियोंको नेटालकी सीमापर निर्वासित किया गया, किन्तु सीमाको पुनः पार करनेपर उन्हें फिरसे गिरफ्तार कर लिया गया।

सितम्बर २३ : कस्तूरबाको तीन मासकी तथा दूसरे सत्याग्रहियोंको एकसे तीन मास तककी सख्त कंदकी सजा।

सितम्बर २४: गांधीजीने 'इंडियन ओपिनियन' में दृढ़ता से कहा कि तीन-पौंडी कर संघर्षका सबसे जटिल अंश है।

सितम्बर २५ : डर्बनसे जोहानिसबर्ग के लिए प्रस्थान। मैरित्सबर्ग तथा लेडी स्मिथमें भारतीयोंसे संघर्ष में सहायता देनेका आश्वासन प्राप्त। लेडीस्मिथमें कंडक्टरके आदेशपर यूरोपीयोंके लिए सुरक्षित रेलके डिब्बेको छोड़ने से इनकार किया। बदरी और अन्य तीन सत्याग्रही जो गांधीजीके साथ गये थे, फोक्सरस्ट में गिरफ्तार।

सितम्बर २७: गांधीजी जोहानिसबर्ग पहुँचे।