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तारीखवार जीवन-वृत्तान्त

जून १३ : प्रवासी विनियम विधेयकपर विधानसभामें अन्तिम बहस।

गांधीजीने उपनिवेश-मन्त्री द्वारा ११ जूनको ब्रिटिश लोकसभामें दिये गये वक्तव्यकी आलोचना की, संघ-सरकारपर आरोप लगाया कि उसने प्रवासी विधेयकके बारेमें साम्राज्य सरकारको धोखा दिया।

जून१४ : 'इंडियन ओपिनियन के जरिये भारतीयोंको प्रेरित किया कि वे प्रवासी अधि नियमको लागू करनेका विरोध करें।

जून १६ : तार देकर गवर्नर जनरलसे आग्रह किया कि वे इस आधारपर विधेयकको स्वीकृति देना रोक लें कि यह भारतीयोंको उन अधिकारोंसे वंचित करता है जिनका उपभोग वे अबतक करते आये हैं।

जून १८ : लॉर्ड ऍम्टहिलने 'लन्दन टाइम्स को लिखे एक पत्रमें प्रवासी विधेयक पारित करनेकी निन्दा की, आशा की कि सम्राट्के स्वीकृति देनेसे पहले ब्रिटिश संसदको उसपर बहस करनेका अवसर मिलेगा।

जून १९ : विलियम वेडरबर्तने गांधीजीको गोखलेके स्वास्थ्यकी खतरनाक स्थितिके बारेमें लिखा, सार्वजनिक कार्य पुनः प्रारम्भ करनेके लिए भारत वापस जानेके गोखलेके निर्णयपर चिन्ता व्यक्त की।

जून २० : गांधीजीने एक पत्रमें गोखलेको विधेयककी पेचीदगियोंके बारेमें बताया; फिशरके शिकायतें दूर करनेका वचन देनेपर सत्याग्रह प्रारम्भ न करनका इरादा जाहिर किया और लिखा कि भारतमें गोखलेसे मिलने, उनके चरणोंमें बैठने, उनके अधीन काम करने तथा उनसे शिक्षा ग्रहण करनेके लिए वे उत्सुक हैं।

जून २१ : ट्रान्सवाल जाते हुए डर्बनसे गोखलेको तार देकर गृह मन्त्रीके पास भेजे जानेवाले मिशनकी सफलतामें सन्देह व्यक्त किया।

जून २२: गांधीजीके दूसरे भाई करसनदास गांधीकी राजकोटमें मृत्यु।

जून २८: गांधीजीने गृह मन्त्रालयको लिखा कि वे सत्याग्रहसे बचने के लिए बातचीत करनेको तैयार हैं।

जुलाई १ : प्रवास और भारतीय विवाहोंके सन्दर्भ में १९१३के अधिनियम २२के सम्बन्ध में विशेषज्ञोंकी कानूनी राय उपलब्ध की।

जुलाई २: उपनिवेश-सचिव जॉर्जेससे भेंट।

जुलाई ५ : ऑरेंज फी स्टेटकी महिलाओंने पास कानूनोंके प्रतिरोधका निर्णय किया।

जुलाई १० : दक्षिण आफ्रिकी भारतीयोंके मामलेको प्रस्तुत करने में गोखलेकी सहायताको पोलक लन्दनके लिए रवाना।

जुलाई १२: गांधीजीन गोखलेको लिखते हुए सूचित किया कि स्मट्स पहलेसे ही अन्य समस्याओं में व्यस्त हैं और कार्यकर्त्ता लम्बे संघर्षके लिए तैयार खड़े हैं; समझौता होने की स्थिति में उन्हें पोलककी सेवाएँ देनेका वचन दिया।

जुलाई १५ : प्रवासी विनियम अधिनियम के अन्तर्गत विनियम गजटमें प्रकाशित।

जुलाई १७ के पूर्व : स्मट्सने गांधीजीको लिखा कि जबतक रेलवे-हड़ताल समाप्त नहीं हो जाती बातचीत स्थगित रखें।