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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

भारतीयोंकी प्रार्थनापर भारत जानेका मुफ्त टिकट देनेका अधिकार

६. मन्त्री चाहे तो किसी भी भारतीयको संघके किसी बन्दरगाहसे भारतके किसी बन्दरगाह तक संसद द्वारा तदर्थ स्वीकृत रकममें से मुफ्त टिकट दिला सकता है, बशर्ते कि वह मुफ्त टिकटके लिए प्रार्थनापत्र दे। इसमें संघके बन्दरगाह तक जानेका रेल-किराया शामिल हो सकता है और नहीं भी हो सकता। यह भारतीय ऐसा न हो जो नेटालके १८९१ के कानून सं० २५ के या उसके किसी संशोधनके अन्तर्गत मुफ्त टिकटका अधिकारी हो या अधिकारी हो सकता हो, और

(क) इस प्रार्थनाकी स्वीकृतिकी शर्तके तौरपर इस वक्तव्यपर हस्ताक्षर करे कि वह अपनी ओरसे, अपनी पत्नीकी ओरसे और अपने अवयस्क बच्चोंकी ओरसे अपने या उनके संघके किसी भागमें प्रवेश करने या रहनेके उन समस्त अधिकारोंको छोड़ता है जो उसे उसका अधिवासी होनेके कारण प्राप्त होते हैं; और

(ख) मन्त्री द्वारा नियुक्त अधिकारीको अपनी अपनी पत्नीकी और अपने अवयस्क बच्चोंकी (यदि बच्चे हों तो) शिनाख्तके मन्त्री द्वारा हुए प्रमाण दे । इस प्रकार हस्ताक्षर की हुई शर्त इस बातका निश्चित प्रमाण होगी, कि उस भारतीयने उसकी पत्नीने और उसके अवयस्क बच्चोंने (यदि कोई हो तो) अपने या उनके संघमें प्रवेश करने या रहनेके वे तब अधिकार छोड़ दिये हैं जो उसे या उन्हें उसका अधिवासी होनेके फलस्वरूप मिले हों।

नेटालमें भारतीयोंके निवास या अधिवासका प्रमाण

७. यदि किसी कानूनके प्रशासन में यह प्रश्न उठता है कि जो भारतीय नेटालमें अपने निवासपर अधिवासका प्रमाणपत्र प्रस्तुत करता है वह वही व्यक्ति है जो वैध रूपसे उस प्रमाणपत्रको प्राप्त करनेका अधिकारी था, उस अवस्थामें यदि उस प्रमाणपत्रपर, प्रवासी अधिकारी द्वारा उसके जारी करते वक्त, उसने जो अँगूठेका निशान लगाया था, वह उस भारतीयके जो उस प्रमाणपत्रको पेश करता है, अँगूठेके निशानसे मिलता है तो वह उस भारतीयके नेटालमें निवास या अधिवासका निश्चित प्रमाण होगा।

भूतपूर्व गिरमिटियोंके वार्षिक पासों या परवानोंसे सम्बन्धित कानूनोंकी धाराओंकी रदगी

८. इस अधिनियमके परिशिष्ट में बताये गये कानून उस परिशिष्टके चौथे स्तम्भमें दी गई हद तक इसके द्वारा रद किये जाते और उन कानूनोंकी वे धारायें, जो इसके द्वारा रद की गई हैं, जहाँतक जुलू लैंडमें लागू की गई हैं वहाँ लागू नहीं रहेंगी।

इस कानूनके लागू होनेसे पूर्व रद की गई धाराओंके अन्तर्गत भारतीयोंसे जो रकमें लेनी वाजिब होंगी उन्हें वसूल करनेके लिए कोई कार्रवाई नहीं की जायेगी।

९. यह अधिनियम समस्त उद्देश्योंकी पूर्तिके लिए भारतीय [छोटा नाम] राहत-अधिनियम, १९१४ कहा जायेगा।

[अंग्रेजीसे]

कलोनियल ऑफिस रेकर्डस : सी० डी० ७६४४/१४