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परिशिष्ट १८
(१) गृह-मन्त्रीका तार


प्रिटोरिया

जनवरी ५, १९९४

गांधी

११०, फील्ड स्ट्रीट

डर्बन

३२३६६ आपके २९ दिसम्बरके तारके जवाब में विलम्बके लिए खेद है परन्तु उसका कारण डर्बनसे इस सूचना का मिलना था कि सत्याग्रह फिर शुरू होगा और फिर ट्रान्सवालकी और नया कुछ होगा खैर बाद की सूचना से भी हुआ है की पहली जनवरी को नेट लकी कुछ भारतीय संस्थानों के काम के बारे में गलतफहमी हो गई थी।आपके तार में दिए हुए सुझाव के बारे में मंत्री को खेत है कि आयोग के सदस्यों की संख्या में वृद्धि या कमी की प्रार्थना अन कर्म से मंजूर नहीं की जा सकती जिसका उल्लेख में अपने २४ दिसंबर के पत्र में कर चुका हूं आयोग के गठन के बारे में जो रुख आपने अपनाया है उसे देखते हुए मंत्री ने सरकार का इस बातचीत पर विचार करना आवश्यक नहीं समझा की सत्याग्रहियोंको की दंड बारे में गवर्नर जनरल को क्या सलाह दी जाए सरकार के नेताओं के बारे में आयोजित की सिफारिश के अनुसार काम करने का निर्णय कर लिया है। नेताओं ने रिहाई के तुरंत बाद जो रास्ता अपनाया हुआ ऐसा नहीं था कि उसने सरकार को शेष सत्याग्रही की रिहाई से कुछ लाभप्रद परिणाम निकलने की संभावना दिखाई देती। यदि आप अब भी मंत्री से मिलने को इच्छुक हो तो वह इस सप्ताह आपको भेंट का समय देने को तैयार होंगे।


[ अंग्रेजीसे ]

कलोनियल ऑफिस रेकर्ड्स: ५५१/५३




१. संकेत डर्बनके निकट पाइनटाउनमें पहली जनवरीको (जो तारीख गांधीजीने पहले ट्रान्सवालमें कूच प्रारम्भ करनेके लिए घोषित की थी) इकट्ठा हुए भारतीयोंके एक समूहकी गतिविधियों के बारेमें प्रकाशित गलत रिपोर्टकी ओर है। बादमें ज्ञात हुआ कि उस भारतीय समूहको गांधीजीकी इस घोषणाका पता नहीं था। नये वर्षके प्रथम दिन सत्याग्रह शुरू नहीं किया जायेगा । १२-३८