पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 12.pdf/६३०

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५९० स्फूर्ति और संकल्पके साथ संघर्ष कि सरकार इन माँगोंको मान सम्पूर्ण गांधी वाङमय छेद देना पड़ेगा। मुझे ऐसी सम्भावना नहीं दिखती सकेगी । [ अंग्रेजीसे ] कलोनियल ऑफिस रेकर्ड्स: ५५१/४६ (३) उपनिवेश-कार्यालयको गवर्नर-जनरलका तार निजो एवं वैयक्तिक ग्लैड्स्टन प्रिटोरिया दिसम्बर २३, १९१३ भड़क गिरमिटिया भारतीयको फौरन तार | भारत वापस मेरा २२ दिसम्बरका गुप्त यदि भारतीय गांधीकी सलाहपर चले तो स्थिति गम्भीर हो जायेगी । सरकार आयोगले यथासम्भव पड़ताल करनेका आग्रह करेगी । परन्तु साथ ही ट्रान्सवालमें सामूहिक रूपसे अनधिकृत प्रवेश, हड़तालों और हिंसाकी भग फिर डोगी । यदि ऐसा हुआ तो कामसे इनकार करने और कानून तोड़नेवाले भेजने के लिए वैधानिक सत्ता ग्रहण करनेका प्रश्न उडेगा । मेरा खयाल है कि भारतके वाइसराय, ऍम्टहिल और गोखलेने आम तौर पर स्वदेश वापसीकी बात उठाई भी है । जे० सी० स्मट्सने मुझसे कहा है कि यदि भारतीय सरकारने ऐसा प्रस्ताव रखा, तो मंत्रिगण उसका स्वागत करेंगे । वे आगे कहते हैं कि नेटालके बागान और कोयला खानोंके मालिक अब महसूस करने लगे हैं कि शायद यही एक हल है । परन्तु यहाँके भारतीय इसे बिलकुल नहीं चाहते । वे यदि यह समझ लें कि कानून तोड़नेवालोंको ही स्वदेश वापस किया जायेगा, तो शायद कानून तोड़ना बन्द ही हो जायेगा । इस समय गांधी और यहाँ तथा भारत में उनके सहयोगियों का विश्वास है कि कुलियोंके बिना नेटालका काम नहीं चल सकता और यही मानकर वे असम्भव-सी हैं । ये माँगें स्वीकृत होना असम्भव है । अव्यवस्थाका दमन करना अपेक्षाकृत आसान है पर वह कोई इलाज तो नहीं है। उससे तो भारत की जनताकी भावनाओंमें कटुता आ जायेगी । मन्त्रियोंका विचार है कि उनको समझते हैं कि कानून तोड़नेवाले और स्वदेश वापस करनेमें भारतीय सरकारका कुछ-कुछ माँगें रख रहे समस्याकी जड़ तक जाना होगा । क्या आप गिरमिटिया भारतीयोंको पूर्णतः या आंशिक रूपसे सहयोग प्राप्त हो सकेगा ? यदि ऐसा नहीं होता, तो इस सिलसिले में यहाँ वैधानिक कार्रवाई करनेके बारेमें आपके क्या विचार हैं ? सम्पत्तिके बारेमें हर्जाना अदा करना होगा । [ अंग्रेजीसे ] कलोनियल ऑफिस रेकर्डस : ५५२/४९ ग्