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तार: गृह मन्त्रीको


निवेदन करता हूँ यह स्थिति बिलकुल अस्वीकार्य है। अन्तरप्रान्तीय आवागमनका अधिकार एक बहुत ही ठोस अधिकार है और उसे वर्तमान विधेयक के असरसे आसानीके साथ [उसमें संशोधन करके] बरकरार रखा जा सकता है। सम्बन्धित लोग केवल प्रशासनिक उदारताके वचनसे सन्तुष्ट नहीं हो सकते। सम्मतिमें सर्लके फैसलेके प्रभावको पूरी तरह केवल कानून ही दूर किया सकता है। निवेदन है पहले विधेयककी भाँति स्पष्ट व्याख्याके द्वारा शिक्षित भारतीयोंकी पत्नियों और नाबालिग बच्चोंकी रक्षा की जाये। यदि मन्त्री यह मंजूर करें कि फ्री स्टेटमें शिक्षित भारतीयोंका प्रवेश कानूनी तौरपर सम्भव है तो प्रवेश करने पर उनसे ज्ञापन लेना स्पष्टतः अनावश्यक है और यदि उसपर आग्रह किया जायेगा तो निःसन्देह वह ऐसा ज्ञापन होगा जो दूसरे प्रवासियोंको नहीं देना पड़ता। वस्तुतः फ्री स्टेटमें प्रवेश अनावश्यक, किन्तु प्रवासके सम्बन्धमे सैद्धान्तिक समानताके पालनके लिए सामान्य' विधेयक में प्रवेशका अधिकार रखना आवश्यक। आपके उत्तरमें दक्षिण आफ्रिकामें उत्पन्न भारतीयोंके केपमें प्रवेशके वर्तमान अधिकारोंका प्रश्न शामिल नहीं। सत्याग्रहके उल्लेखको धमकी मानने और मन्त्रीके नाराज होने पर खेद है। धमकी देने या मन्त्रीको नाराज करनेकी मेरी कोई इच्छा नहीं। किन्तु सत्याग्रह फिर आरम्भ होनेकी सम्भावना बताकर मैंने केवल सत्यका उल्लेख किया है। मेरा खयाल था कि अबतक दक्षिण आफ्रिकाकी सरका और जनताने यह जान लिया होगा कि प्रतिनिधित्वहीन समाजका सत्याग्रह और वह भी ऐसा जैसा मेरे देशके लोग करते है, अपना तीव्र रोष बताने और अपनी शिकायतें दूर करानेका एक निर्दोष और उचित तरीका है। यदि इससे दक्षिण आफ्रिकाकी सरकार या जनता नाराज होती है तो मेरे साथी कार्यकर्ताओंके और मेरे सामने उसके परिणाम भुगतनेके सिवा कोई चारा नहीं है। यह उद्देश्य हमें अपने प्राणोंके समान, बल्कि प्राणोंसे भी ज्यादा प्यारा है। हम उसके लिए कष्ट भोगनेको तैयार है।[१]

गांधी

गांधीजीके स्वाक्षरोंमें मूल अंग्रेजी मसविदे (एस० एन० ५७६६) की फोटो-नकलसे ।

  1. १. गृह मन्त्रालयने उत्तरमें लिखा कि तारमें उठाये गये मुद्देपर मन्त्री महोदय विचार कर रहे हैं।