पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 12.pdf/६०९

यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

________________

परिशिष्ट प्रवेश करने या वापस आने की अनुमति प्राप्त हो जाये तब उक्त नोटिसमें उल्लिखित बन्दरगाह था बन्दरगाहोंसे ही प्रवेश करेंगे या वापस आयेंगे, अन्य किसी बन्दरगाहसे नहीं, और ऐसे नोटिसके बाद वैसे किसी अन्य बन्दरगाहसे प्रवेश करना या वापस लौटना गैरकानूनी होगा । (५) इस अधिनियमकी रूसे निम्नलिखित व्यक्ति या वर्गों व्यक्ति निषिद्ध प्रवासी नहीं समझे जायेंगे, अर्थात् - [ (क) (ख) (ग) और (घ) तकके अनुच्छेद छोड़ दिये गये हैं ।] (ड) संघ में शामिल दक्षिण आफ्रिकाके किसी भी भागमें जन्मा कोई भी व्यक्ति; (च) कोई भी व्यक्ति जो किसी भी प्रान्तका अधिवासी है; ५६९ प्रत्येक सत्र आरम्भ होनेके चौदह दिनके अन्दर दोनों सदनों की मेजपर रखेगा। ऐसी हर सूची सत्र आरम्भ होनेसे एक माह पहले तककी अवधि से सम्बन्धित होगी, और उसमें प्रत्येक ऐसे व्यक्तिका नाम, लिंग और राष्ट्रीयता, तथा उसे निकालने या प्रति- बन्धित करनेका कारण दिया होगा । (४) मन्त्री समय-समय पर ' गजट' में नोटिसके जरिये घोषित कर सकता है कि इस खण्डके उपखण्ड (१) के अनुच्छेद (क) में वर्णित वर्गों में आनेवाले व्यक्ति, जब उन्हें इस अधिनियम के अन्तर्गत संघ अथवा किसी प्रान्तमें प्रवेश करने या वापस आनेकी अनुमति प्राप्त हो जाये तब, उक्त नोटिस में उल्लिखित बन्दरगाह या बन्दरगाहों से ही प्रवेश करेंगे या वापस आयेंगे, अन्य किसी बन्दरगाहसे नहीं; और ऐसे नोटिसके बाद वैसे किसी व्यक्तिका किसी अन्य बन्दरगाहसे प्रवेश करना या वापस लौटना गैरकानूनी होगा । (५) इस अधिनियमकी रूसे निम्नलिखित व्यक्ति या वर्गोंके व्यक्ति निषिद्ध प्रवासी नहीं समझे जायेंगे, अर्थात् - [(क) से (घ) तकके अनुच्छेद छोड़ दिये गये हैं । ] (ड) इस अधिनियम के लागू होनेसे पूर्वं संघ में शामिल दक्षिण आफ्रिका के किसी भी भागमें जन्मा कोई भी व्यक्ति जिसके माता-पिता उसके जन्मके समय यहाँके वैध निवासी थे, और उस समय प्रचलित किसी कानूनकी से मात्र अस्थायी तौरपर या सशर्त निवास नहीं कर रहे थे, और कोई भी व्यक्ति जो इस अधिनियम के लागू होनेके बाद चाहे किसी भी जगह पैदा हुआ हो लेकिन उसके माता-पिता उसके जन्मके समय संघ में शामिल दक्षिण आफ्रिकाके किसी भागके ' अधिवासी रहे हों; (च) कोई भी व्यक्ति जो किसी भी प्रान्तका अधिवासी है, बशर्ते कि वह पूर्ववर्ती खण्डके उपखण्ड (१) के अनुच्छेद (ड) या (च) में वर्णित ढंगका व्यक्ति नहीं है, या जो इस अधिनियमके खण्ड बाईसके अन्तर्गत निकाला नहीं जा चुका है;