पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 12.pdf/६०८

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५६८ सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय दृष्टिसे पीडिश भाषाको यूरोपीय भाषा समझ' जायेगा; (ग) कोई भी व्यक्ति जिसके यदि वह संघमें प्रवेश करे तो दिमागी या शारीरिक विकारके कारण या इस कारण कि उसके पास अपना और अपने आश्रितोंका निर्वाह करनेके साधनों का अभाव है राज्यके ऊपर भाररूप सिद्ध होनेकी सम्भावना हो; (घ) कोई भी व्यक्ति, जिसे किसी भी सरकार (ब्रिटिश अथवा किसी विदेशी सरकार) से, सरकारी या राजनयिक सूत्रों द्वारा प्राप्त सूचनांक आधारपर मन्त्री संघमें अवांछित निवासी या अभ्यागंतुक समझें; गये हैं ] तो निकाय - सन्तुष्ट हो; और इस. अनुच्छेद की दृष्टिसे पीडिश भाषाको यूरोपीय भाषा समझा जायेगा; [(ग) से (ज) तकके अनुच्छेद छोड़ दिये गये हैं ।] जब कभी मन्त्री इस उपखण्ड द्वारा प्रदत्त अपने किसी अधिकारका उपयोग करेगा तब वह अपनी कार्रवाईकी लिखित सूचना सम्बन्धित प्रवासी अधिकारी और प्रत्येक निकायको भेज देगा। प्रवासी अधिकारी संघमें या ऐसे किसी प्रान्त में, जहाँ अमुक व्यक्तिका प्रवेश करना या पाया जाना अवैध है, प्रवेश करनेपर या वहाँ पाये जानेपर उस व्यक्तिको संघ या प्रान्तसे निकलवा देगा; बशर्ते कि उसकी यह कार्रवाई खण्ड दो और तीनकी व्यवस्थाओं के विपरीत न पड़े । 1 [(ड) से (ज) तकके अनुच्छेद छोड़ दिये (२) उपखण्ड (१) (क) में कही गई किसी बातका ऐसा अर्थ नहीं लगाया जायेगा जिससे - (क) किसी ऐसे व्यक्तिको केप ऑफ गुड होप या नेटालमें निषिद्ध प्रवासी बताया जा सके, जो इस अधिनियम के लागू होनेके समय किसी प्रान्तमें निवासका अधिकारी हो, और जो यह सिद्ध कर देता है या जिसने यह सिद्ध कर दिया हो कि वह केप ऑफ गुड होपके १९०६ के अधिनियम ३० के खण्ड तीन (क) या नेटालके १९०३ के अधिनियम ३० के खण्ड पाँच (क) में वर्णित शर्तोंको पूरा करनेमें समर्थ है; पा प्रवासी अधिकारी संघमें या ऐसे किसी प्रान्तमें, जहाँ अमुक व्यक्तिका प्रवेश करना या पाया जाना अवैध है, प्रवेश करने पर, या वहाँ पाये जानेपर उस व्यक्तिको संघ या प्रान्त से निकलवा देगा; बशर्ते उसकी यह कार्यवाही खण्ड २ या ३ की व्यवस्थाके विपरीत न पड़े । (२) इस अधिनियम के अन्तर्गत जो व्यक्ति संघ या किसी प्रान्त में निषिद्ध प्रवासी घोषित किये गये हों और जिन्हें वहाँसे निकाल दिया गया हो, अथवा संघ या प्रान्तमें जिनका प्रवेश प्रतिबन्धित कर दिया गया हो, उनकी एक सूची मन्त्री संसदका प्रत्येक सत्र आरम्भ होनेके चौदह दिनके अन्दर दोनों सदनोंकी मेज़पर रखेगा। ऐसी हर सूची सत्र आरम्भ होनेसे एक माह पहले तककी अवधिसे सम्बन्धित होगी और उसमें प्रत्येक ऐसे व्यक्तिका नाम, लिंग और राष्ट्रीयता, तथा उसे निकालने या प्रतिबन्धित करनेका कारण दिया होगा । (३) मन्त्री समय-समयपर 'गजट ' में नोटिसके जरिये घोषित कर सकता है कि इस खण्डके उपखण्ड (१) के अनुच्छेद (क) में वर्णित व्यक्ति, जब उन्हें इस अधिनियम के अन्तर्गत संघ अथवा किसी प्रान्त में (ख) ट्रान्सवालके १९०८ के अधिनियम ३६ में निर्धारित पंजीयन प्रमाणपत्र रखनेवाले किसी व्यक्तिका उसे उक्त अधिनियम द्वारा प्रदान किया गया, कोई अधिकार रद या विपरीत ढंगले प्रभावित होता हो । (३) इस अधिनियम के अन्तर्गत जो व्यक्ति संघ या किसी प्रान्त में निषिद्ध प्रवासी घोषित किये गये अथवा संघ या प्रान्तमें जिनका प्रवेश प्रतिबन्धित दिया गया हो, उनकी एक सूची मन्त्री संसदका हों, कर