पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 12.pdf/६०७

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परिशिष्ट ५६७ ४. (१) इस उपखण्डके किसी भी अनुच्छेद में वर्णित कोई भी व्यक्ति, जो संवमें प्रवेश करता है या संघके अन्दर पाया जाता है, या जो, यद्यपि एक प्रान्तका वैध निवासी है लेकिन ऐसे किसी अन्य प्रान्त में जिसका वह वैध निवासी नहीं है, प्रवेश करता है या वहाँ पाया जाता है, संघमें या उस अन्य प्रान्त में (जैसा भी प्रसंग हो ), निषिद्ध प्रवासी होगा, अर्थात् - (क) कोई भी व्यक्ति या व्यक्तियोंका वर्ग जिसे मन्त्री आर्थिक कारणोंसे, था रहन-सहन के स्तर और तौर-तरीकोंके कारण संघ अथवा उसके किसी प्रान्त - विशेषकी आवश्यकताओं के लिए अनुपयुक्त समझें; (ख) कोई भी व्यक्ति, जो अपर्याप्त शिक्षाके कारण कोई यूरोपीय भाषा इतनी अच्छी तरह नहीं लिख-पढ़ सकता; जिससे प्रवासी अधिकारी सन्तुष्ट हों; और इस अनुच्छेदकी बिना ही, जो ठीक समझे वह उत्तर दे सकता है और उस मुकदमेके खर्च के सम्बन्धमें जैसा उचित समझे वैसा आदेश दे सकती है । (३) इस खण्डके उद्देश्योंके लिए – 'कानूनका प्रश्न' में अन्य बातोंके अलावा अधिवासका कोई प्रश्न भी सम्मिलित माना जायेगा; और 'न्यायाधिकार रखनेवाले किसी उच्चतर न्यायालयका मतलब होगा सर्वोच्च न्यायालयका वह प्रान्तीय डिवीजन – जिसे, निकाय जहाँ स्थित है, वहाँ न्यायाधिकार प्राप्त है – या ऐसे डिवीजनका कोई न्यायाधीश, या ऐसा न्यायाधिकार रखनेवाला पूर्वी जिलोंका स्थानीय डिवीजन, या उसका कोई न्यायाधीश; और ' अपील करने- बालों' में विदेशियोंको सम्मिलित नहीं माना जायेगा (४) यदि पूर्वाल्लिखित विशेष मामला अपील करनेवालेके अनुरोधपर न्यायालय के सामने भेजा जाता है तो वह, यदि वह ऐसा व्यक्ति है जो संघ में पहली बार प्रवेश करनेकी अनुमति चाहता है, रजिस्ट्रार द्वारा नियत को जानेवाली जमानतकी अमुक रकम रजिस्ट्रार के पास जमा करेगा ताकि अदालत प्रार्थीको मुकदमेके खर्चेकी जितनी रकम देनेका आदेश दे उसका भुगतान हो सके। ४. (१) इस उपखण्डके किसी भी अनुच्छेद में वर्णित कोई भी व्यक्ति, जो संवमें प्रवेश करता हैं या संघके अन्दर पाया जाता है, या जो, पद्यपि एक प्रान्तका वैध निवासी है लेकिन ऐसे किसी अन्य प्रान्तमें, जिसका वह वैध निवासी नहीं है, प्रवेश करता है या वहाँ पाया जाता है, संघमें था उस अन्य प्रान्त में (जैसा भी प्रसंग हो ), निषिद्ध प्रवासी होगा, अर्थात् - (क) कोई भी व्यक्ति या व्यक्तियोंका वर्ग, जिसे मन्त्री आर्थिक कारणोंसे, या रहन- सहनके स्तर और तौर-तरीकों के कारण संघ अथवा उसके किसी प्रान्त विशेषकी भाव- श्यकताओंके लिए अनुपयुक्त समझें, (ख) कोई भी व्यक्ति जो अपर्याप्त शिक्षाके कारण कोई यूरोपीय भाषा इतनी अच्छी तरह नहीं लिख-पढ़ सकता जिससे प्रवासी अधिकारी या यदि अपील की गई हो