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पत्र : सी० रॉबट्सको

मैं इसके दो पूर्व- दृष्टान्त जानता हूँ। आपकी इजाजतसे मैं उनको आपके सामने पेश करता हूँ। बोअर-युद्धके समय भारतीय आहत सहायक दल (इंडियन एम्बुलैंस कोर) में १,२०० व्यक्ति थे। साथ ही एक 'यूरोपीय एम्बुलेंस कोर' भी थी, जो मेरे खयालमें कहीं बड़ी थी। हम सभी कर्नल गलवे की कमानमें थे । हमपर सैनिक अनुशासन लागू होता था लेकिन फिर भी कर्नल गैलवेने कभी भी 'कोर' के अन्दरूनी प्रशासन में कोई हस्तक्षेप नहीं किया था। और हमारी 'कोर' उन दिनों इस वर्तमान 'कोर' की भाँति केवल प्रशिक्षण देनेकी एक संस्था नहीं थी । युद्धके उस सबसे नाजुक दौरमें हम सभी मोर्चोंपर लड़ रहे थे। कर्नल गैलवेने शाखा-कमाण्डर नियुक्त नहीं किये थे । और संयोग यह कि सारे आदेश आखिरकार मेरे हाथसे ही गुजरा करते थे। इसी तरह नेटालमें जुलू विद्रोहके समय हम कर्नल स्पार्क्सकी कमानमें थे। कर्नल स्पार्क्स भी हमारी 'कोर' के अधिकारी नियुक्त करते । हम स्वयं ही नमें से अधिकारी नियुक्त कर लेते थे और निक ड्यूटी के बारेमें आदेशोंके पालनका दायित्व पूरी तौरपर हमारे ही ऊपर था । आप जानते ही होंगे कि सरकारी खरीतोंमें दोनों ही 'कोरों' का उल्लेख सम्मान के साथ हुआ है । हो सकता है कि इसके विरुद्ध' भी कुछ-दृष्टान्त मौजूद हों। मुझे सैनिक नियमोंकी जानकारी नहीं है। यदि उल्लिखित बैठक बुलाने से या अन्य किसी प्रकारसे अनुशासन-भंग हुआ है और उसे एक गम्भीर और दण्डनीय अपराध माना जाये तो अकेले मुझको ही उसका जिम्मेदार माना जाना चाहिए और मैं बड़ी खुशीसे उसका दण्ड भोगूंगा। परन्तु मैं यह. कहे बिना भी नहीं रह सकता कि यदि 'कोर' को छिन्न-भिन्न होनेसे बचाना है तो शाखा-कमांडरोंकी नियुक्तियाँ रद की जानी चाहिए और 'कोर' के अधिकारों और शक्तियोंकी ठीक-ठीक परिभाषा की जानी चाहिए। कर्नल बेकर तथा मेरी समितिकी स्थिति सुनिश्चित कर देनी चाहिए।

आपको यह विश्वास दिलानेकी जरूरत नहीं कि मैंने यह पत्र आपको पूरी जिम्मे- दारीके साथ लिखा है। मैं जानता हूँ कि यह समय आपसी झगड़ोंमें पड़नेका नहीं, ठोस काम करनेका है। परन्तु मेरा खयाल है कि कर्नल बेकरने अपनी बातपर अड़कर हम लोगोंके लिए तबतक उनके नीचे काम करना असम्भव बना दिया है जबतक कि वे अपना रवैया नहीं बदलते। मुझे भरोसा है कि आप इस समस्याको हल करनेका मार्ग सुझा सकेंगे।

आपका,

मो० क० गांधी

श्री चार्ल्स रॉबर्ट्स, एम० पी०, इत्यादि

इंडिया ऑफिस

गांधीजी के हस्ताक्षरयुक्त टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रति (एस०एन० ६०६९ 'बी') से।

१. देखिए खण्ड ५; पृष्ठ ३७८-३८३।

२. मूल अंग्रेजीमें यहाँ कन्ट्री (देश) शब्द है, 'कन्टेरी' (विरुद्ध) नहीं, पर वह यहाँ उपयुक्त नहीं लगता।