पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 12.pdf/५६२

यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
३९१. पत्र : मगनलाल गांधीको

[ लन्दन ]

भाद्रपद सुदी १४ [ सितम्बर ३, १९१४]

चि० मगनलाल,

मैं पिछले सप्ताह तुम्हें पत्र' लिख चुका हूँ। मेरे सभी पत्र तुम्हें मिल गये होंगे। मैं तो यहाँ काम गर्क हो गया हूँ । मालूम होता है कि जिसे अपना फर्ज अदा करना है उसे फुरसत ही नहीं मिल सकती।

आज हमारी घायलोंकी प्राथमिक चिकित्सा सम्बन्धी परीक्षा थी। मुझे भी बहुत पढ़ना पड़ा। परीक्षामें निम्नलिखित प्रश्न पूछे गये थे: "अफीमके ज़हरको कैसे उतारा जाये ?” “यदि घायलकी हँसली टूट गई हो तो उसकी हिफाजत किस प्रकार की जाये ? ” "हथेलीमें घाव लगा हो तो खूनका गिरना कैसे बन्द किया जाये ? इस वर्गमें हम ७० भारतीय हैं। कलसे दूसरा सत्र शुरू होगा। और फिर जो तमाम स्वयंसेवक आते रहते हैं उनसे मिलना हो जाता है सो अलग। युद्धके परिणामकी फिलहाल कोई खबर नहीं लगती। हमें भी किस विशेष मोर्चेपर जाना पड़ेगा यह नहीं कहा जा सकता। ऐसी कुछ अनिश्चित स्थिति चल रही है। बाका स्वास्थ्य वैसे बहुत अच्छा है परन्तु कमजोरी अभी गई नहीं है। उपवासका प्रताप है। श्री कैलेनबँक गुजराती सीख रहे हैं। यह आशा लगाये बैठा हूँ कि तुम सबके पत्र मिलते रहेंगे।

यह पत्र सभी लोग पढ़ लें। मुझे लगता है कि तुम सबकी परीक्षा अनुमानसे भी कुछ विशेष कठिन होगी। मगनभाई, मणिलाल और जमनादास आदिको अभी तो पत्र नहीं लिख सकूंगा। अगले सप्ताह देखा जायेगा । तुम पत्र लिखते रहना । मगनभाई तथा सन्तोककी तबीयतका हाल जाननेकी राह देख रहा हूँ ।

मोहनदासके आशीर्वाद

गांधीजीके स्वाक्षरोंमें मूल गुजराती प्रति (जी० एन० २७६३) की फोटो-नकलसे ।

३९२. पत्र : मगनलाल गांधीको

[ लन्दन ]

भाद्रपद वदी १३ [ सितम्बर १८, १९१४]

चि० मगनलाल,

पिछले हफ्ते तुम्हें पत्र नहीं लिख सका; उसके लिए समय ही नहीं मिला। अधिकांश समय बीमारों और घायलोंकी सेवा-सुश्रूषाकी तालीमकी क्लासमें चला जाता है और बाकी श्री गोखलेके साथ | उनकी तबीयत फिलहाल तो ठीक चल रही है। हमें अभी दो माह तक तालीम दी जायेगी और उसके बाद जहाँ लड़ाई चल रही है वहाँ

१. देखिए पिछला शीर्षक ।