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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

दूर नहीं करूंगा। मुझे यहाँ जो पैसा मिला है, उसका उपयोग मैं यहींके कार्यमें करूंगा, और पुस्तकोंका उपयोग निजी अध्ययनके लिए।

पिछली हड़तालके समय आपके ऊपर बहुत अत्याचार हुआ इसलिए अथवा किसी और कारणसे क्षुब्ध होकर आपने भी [अत्याचारियों पर] अपना हाथ उठाया था, यह जानकर मुझे बहुत दुःख हुआ । यदि मैं आपके साथ होता तो अपना सिर फूट जाने देता, किन्तु वैसा न होने देता। अब भविष्यके लिए मैं एक महत्त्वकी सलाह दे जाता हूँ । यदि कभी ऐसा अवसर आये कि सरकार आपके ऊपर अत्याचार करे, या आपका मालिक आपके ऊपर अत्याचार करे तो निर्भय होकर काम छोड़ दीजिए, स्थिरतापूर्वक एक जगह बैठ जाइए, खानेको न दे तो भूखे रह जाइए, गालियाँ बके तो सहन कर लीजिए, लात मारे तो क्षमा कर दीजिए, और अन्तमें फाँसीपर चढ़ने या गोलीसे बिधनेका समय आ जाये तो उसे भी झेल लीजिए, किन्तु भगवानके प्रति अपनी निष्ठामें कभी न डिगिये। यदि ऐसा करेंगे तो चाहे जैसा कठोर हृदय भी पिघल जायेगा । ऐसा सत्याग्रहका प्रताप है। इसके ऊपर आप श्रद्धा रखें। यही शुद्ध सत्याग्रह है। यह हथियार सब हथियारोंसे -- आपकी लाठियों और शस्त्रोंसे बढ़कर है। इसलिए आप इसी हथियारको अपनायें और आवश्यकता के समय वह अवश्य आपकी सहायता करेगा । अब मैं आपसे विदा लेता हूँ।

[ गुजरातीसे [

इंडियन ओपिनियन, २२-७-१९१४

३६२. भाषण : वेरुलममें

जुलाई १२, १९९४

श्री गांधीने सभाके अध्यक्षसे पहले हिन्दुस्तानीमें और फिर जितना हो सके उतने संक्षेपमें अंग्रेजीमें बोलनेकी अनुमति माँगी, जिससे कि तमिलमें उसका रूपान्तर हो सके, क्योंकि वे तमिलमें नहीं बोल सकते थे। उन्होंने कहा, वे केवल उस क्षेत्रके गिरमिटिया भारतीयोंसे मिलने और उनको राहत विधेयकका मतलब समझाने के उद्देश्यसे वेरुलम आये हैं। इस बार भी उनका बड़ा सत्कार किया गया। उन्होंने कहा कि वेरुलम उनके लिए एक तीर्थके समान है और वह सदा ही उनकी दृष्टिमें पवित्र रहेगा, क्योंकि वे वेरुलमके ही लोग थे जिन्होंने न्यूकंसिलके अपने भाइयोंकी हड़तालके समय उनके पक्षमें एक होकर आवाज उठाई थी। उन्होंने अपने हिन्दी-भाषणमें लोगों द्वारा की गई उनकी प्रशंसा और भेंट की गई वस्तुओंके सम्बन्धमें जो कहा था, उसे अंग्रेजी भाषण में सविस्तार रूपान्तरित नहीं किया। उन्होंने कहा कि भेंटके रूपमें मिला धन भारत पहुँचनेपर उन सार्वजनिक कार्यों में लगाया जायेगा जो उनको उचित जँचेंगे। हाँ, उसमें दक्षिण आफ्रिकाके कामोंको प्राथमिकता दी जायेगी। उन्होंने आगे कहा:

मेरे गिरमिटिया देशवासियो ! इतना समझ लीजिए कि यह राहत मेरे या आपके जेल जानेके कारण मिली है, ऐसा सोचना गलत होगा; यह राहत मिली इसलिए