पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 12.pdf/४८१

यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
३५३. मॉरिशसका विवाह-कानून

हम सुन रहे हैं कि मॉरिशसके भारतीयोंको वहाँका स्थानीय कानून एकसे अधिक विवाहित स्त्रियोंकी मान्यता देता है। इसके आधारपर हमने जाँच की है। वहाँके कानून की प्रति हमें नहीं मिल पाई है। वैसे यह कानून वहाँके भारतीयोंके आन्दोलनका ही परिणाम है। और यह १७ दिसम्बर १९१२ में पास हुआ था। इस कानूनमें हिन्दू या मुसलमान धर्म गुरुओंको विवाह-सम्बन्धी अधिकारीकी सत्ता प्राप्त है। वहाँ ऐसा कोई भारतीय विवाह जायज नहीं माना जा सकता जो १८९० के स्थानीय विवाह सम्बन्धी कानूनकी शर्तें पूरी न करता हो । मतलब यह हुआ कि मॉरिशसका वह विवाह कानून जो सबपर लागू होता है, भारतीयोंपर भी लागू होगा। कानूनमें साफ तौरसे यह बतलाया गया है कि इस सार्वजनिक कानूनकी ४६ से ५१ तककी व्यवस्थाओं में विवाह सम्बन्धी जो धाराएँ दी गई हैं वे भारतीय विवाहपर भी लागू होती हैं। यदि मर्द २१ वर्षसे कम उम्रका और स्त्री १८ से कमकी हो तो [ उनके विवाहके लिए] उन दोनोंके माता-पिता की स्वीकृति चाहिए। कानूनकी अन्य धाराएँ विवाह-सम्बन्धी अफसरोंके कर्त्तव्य क्या-क्या हैं, रजिस्टर आदि रेकार्ड किस प्रकार रखे जायें इत्यादि, बातोंसे सम्बन्ध रखती हैं। यदि कोई व्यक्ति कानूनकी शर्तों को तोड़ता है या गैर कानूनी शादी रजिस्टर करवाता है तो उसे पाँच सौ रुपये तक दण्ड दिया जा सकता है। धर्म गुरुओंको इस कानूनसे सम्बन्धित जिन शर्तोंका पालन करना है उनमें से कुछ निम्न प्रकार हैं:-

१. गवर्नरकी इजाजतके बिना १८ वर्षसे कम उम्रका लड़का और १५ से कम उम्रकी लड़कीका विवाह नहीं हो सकता।

२. एक स्त्री मौजूद हो और उसका कानूनन तलाक न हो चुका हो तो दूसरी स्त्रीसे विवाह नहीं किया जा सकता।

३. जिस व्यक्तिका तलाक व्यभिचारके कारण हुआ हो उस तलाकशुदा व्यक्तिका विवाह सम्बन्धित व्यभिचारमें भागी व्यक्तिसे नहीं हो सकता।

४. विधवा या तलाकशुदा स्त्री दस मास तक शादी नहीं कर सकती।

५. पुरुष और उसकी भतीजी, स्त्री और उसका भतीजा, या पुरुष और उसके भाईकी पत्नी, इनके बीच विवाह-सम्बन्ध नहीं हो सकता, भाईकी पत्नी विधवा हो तो भी नहीं।

इनके अलावा भी कुछ धाराएँ हैं किन्तु उनका उल्लेख हम यहाँ नहीं कर रहे हैं।

ऊपर हम जो कुछ दे चुके हैं उससे स्पष्ट है कि मॉरिशसमें वहाँका स्थानीय विवाह कानून तलाक, एकसे अधिक शादियाँ, किस उम्र में विवाह किया जाये तथा अन्य जरूरी बातों में भारतीयोंपर भी लागू होता है। नये कानूनसे केवल इतना भर परिवर्तन हो