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भाषण : विदाई-सभामें

मैं यह भरोसा दिला देना चाहता हूँ कि मैं एक भी यूरोपीयके प्रति कोई दुर्भाव लेकर नहीं जा रहा हूँ। मुझे जीवनमें कई कठोर प्रहार सहने पड़े हैं। परन्तु मैं स्वीकार करता हूँ कि यहाँ यूरोपीयोंसे मुझे प्रेम और सहानुभूतिकी अनमोल भेंट भी प्राप्त हुई हैं।" (हर्ष-ध्वनि)।

श्री गांधीने कहा कि यह समझौता आठ वर्षके संघर्ष के बाद सम्भव हुआ है। दक्षिण आफ्रिकामें भारतीय कोई राजनैतिक महत्वाकांक्षा नहीं रखते। और जहाँतक सामाजिक प्रश्नका सम्बन्ध है भारतीयों के बारेमें वह कभी खड़ा नहीं हो सकता।

मैं एक क्षण के लिए भी नहीं मान सकता कि पूर्व और पश्चिम कभी नहीं मिल सकते। मैं तो मानता हूँ कि वह दिन आ रहा है जब पूर्वको पश्चिमसे या पश्चिमको पूर्वसे मिलना ही होगा। परन्तु मेरी राय है कि आज तो पश्चिमके विकासकी धारा एक है और भारतीयोंकी दूसरी । दक्षिण आफ्रिका में भारतीय यूरोपीयोंकी सामाजिक संस्थाओं में अनधिकृत रूपमें घुसनेको जरा भी इच्छा नहीं रखते । (हर्ष-ध्वनि ) । अधिकांश भारतीय स्वभावतः व्यापारी होते हैं। इस कारण व्यापारिक ईर्ष्या और प्रतिस्पर्धासे उत्पन्न होनेवाली बातें तो होंगी ही। इस अत्यन्त कठिन समस्याका कोई हल मैं अभीतक नहीं पा सका हूँ। यह तो जब परस्पर टकरानेवाले हितों के बीच सामंजस्य स्थापित करनेके लिए सरकार न्याय और विशाल हृदयतासे काम लेगी तब हल होगी।

अपने दक्षिण आफ्रिकाके इतने लम्बे निवासके बारेमें बोलते हुए श्री गांधीने कहा कि इस भूमिके मेरे संस्मरण अत्यन्त पवित्र हैं और वे मुझे सदा याद रहेंगे। मैं अपने आपको भाग्यशाली मानता हूँ कि यहाँपर मैं भारतीयों और यूरोपीयोंके साथ चिरस्थायी मित्रता स्थापित कर सका। अब मैं पुण्य भूमि भारतको लौट रहा हूँ जो युगोंसे (ऋषियोंकी) तपश्चर्या के कारण पुनीत बनी हुई है। अन्तमें श्री गांधीने आशा प्रकट की कि यहाँपर जो प्रेम और सहानुभूति उन्हें प्राप्त हुई है, वे कहीं भी क्यों न हों, वह उन्हें प्राप्त होती रहेगी। उन्होंने यह भी आशा प्रकट की कि जिस समझौते को भारतीय राहत विकका रूप दिया गया है उसका अमल भारतीयों के सम्बन्धमें हाल ही में बनाये तमाम कानूनोंके पालनमें शासन द्वारा उदारतापूर्वक होगा।

अगर ऐसा हुआ तो मेरे देशभाइयोंको अपने सामाजिक विकासमें कोई डरनेकी बात नहीं रहेगी। समझौतेके सबकोंमें से यह भी एक सबक है।'

[ अंग्रेजीसे ]

इंडियन ओपिनियन, १५-७-१९१४



१. सभाकी समाप्तिसे पहले श्री आर० के० खानने मेयरके प्रति धन्यवादका प्रस्ताव रखा जो सर्वसम्मति से पास किया गया। राष्ट्रीय गानके साथ सभाकी कार्यवाही समाप्त हुई ।