सत्याग्रहियोंके कष्ट-सहन द्वारा दक्षिण आफ्रिकाका अन्तःकरण जगानेसे ही सम्भव हुआ फिर भी समाज इसके लिए साम्राज्यीय, भारतीय तथा संघ सरकारोंके और गोखले के पथ-प्रदर्शन में भारतीय जनताके और ऐन्ड्रयूज़ तथा पियरसनके भी कामके प्रति हार्दिक कृतज्ञ। उक्त भावना यदि प्रशासन और वर्तमान कानूनोंमें बनी रही तो संघर्षकी पुनरावृत्तिका भय नहीं।
[ अंग्रेजीसे ]
हिन्दू, ८-७-१९१४
३४८. तार : गो० कृ० गोखलेको
[ जोहानिसबर्ग
जुलाई ६, १९१४]
माननीय श्री गोखले
लन्दन
अन्तिम समझौते के लिए भारतीय समाजकी ओरसे आपको हार्दिक धन्यवाद बघाइयाँ। आपकी आत्म-त्यागपूर्ण सेवाओंके बिना इतने शीघ्र असम्भव था । हमारा अनुरोध हमारे प्रवक्ताकी हैसियतसे हमारा विनम्र धन्यवाद आप लॉर्ड हाडिज़को उनकी जबरदस्त सहायता और समझौता सम्पन्न कराने के निर्भयतापूर्ण ढंगके लिए तार द्वारा पहुँचा दें।
[ अंग्रेजीसे ]
इंडियन ओपिनियन, ८-७-१९१४
३४९. पत्र : ई० एम० जॉर्जेसको
फीनिक्स
नेटाल
जुलाई ७, १९१४
प्रिय श्री जॉर्जेस,
स्वर्ण-कानूनके सम्बन्धमें अपना नोट प्रस्तुत करनेके लिए अब मुझे थोड़ा समय मिल पाया है। आप जानते ही हैं कि मैंने अधिक गहराईसे विचार करनेके बाद स्वर्ण- कानून और बस्ती-संशोधन अधिनियमके सिलसिले में 'प्राप्त अधिकारों' की परिभाषाके लिए एक विशेष धारा जोड़नेके अपने आग्रहपर जोर नहीं दिया था, क्योंकि मुझे लगा कि उस पत्र-व्यवहारमें एक कोई परिभाषा कर देनेका परिणाम यह भी हो सकता है कि आगे चलकर मेरे देशवासियोंका कार्यक्षेत्र कुछ सीमित हो जाये । परन्तु मेरा खयाल
१. लगता है कि यह तार और “तार : 'हिन्दू' को” – पिछला शीर्षक - एक ही दिन भेजे गये थे।
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