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३४०. गृह मन्त्रीके साथ बातचीतके लिए मुद्दे

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जून २७, १९१४ के पूर्व ]

१. दक्षिण आफ्रिका में जन्मे हुए भारतीयोंका केप प्रवेश

२. १८९५ के बाद गिरमिटिया भारतीय

३. फ्री स्टेट

४. विवाह

५. कितनोंको प्रवेश दिया जायेगा और कैसे

६. यह आश्वासन कि ऐसी पत्नियोंको प्रवेश दिया जायगा जो दक्षिण आफ्रिकामें अपने पतियोंकी एकमात्र पत्नियाँ हों और बहु-पत्नी विवाहोंको भी मान्यता दी जायेगी

७. पत्नियोंके सम्बन्धमें साक्ष्य

८. ट्रान्सवाल, केप और नेटालमें इस वर्ष प्रवेश पानेवाले

[ अंग्रेजीसे ]

गांधीजीके स्वाक्षरोंमें मूल अंग्रेजी मसविदे (एस० एन० ५९७३) की फोटो-नकलसे।

३४१. पत्र : ई० एम० जॉर्जेसको

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जून २७, १९१४

प्रिय श्री जॉर्जेस,

मैं आपसे मॉरिशसके अध्यादेशकी प्रति मांगना भूल गया। आप उसे फीनिक्स भेजनेकी कृपा करेंगे? काम पूरा होते ही मैं उसे लौटा दूंगा।

मेरा खयाल है कि प्रस्तावित पत्रके लिए आपन जो नोट तैयार किये थे, उनमें 'पत्तियों और उनकी सन्तान' की बात भी दर्ज की थी। यदि न की हो, तो क्या आप एकाधिक पत्नियों-सम्बन्धी अनुच्छेदमें 'पत्नियों' की 'सन्तान' शब्द भी जोड़नेकी कृपा करेंगे?

१. यह सम्भवतः २७ जूनको जनरल स्मटसके साथ हुई गांधीजीकी भेंटके सिलसिलेमें (याददाश्तके लिए) तैयार किया गया था । भेटका सारांश ई० एम० जॉर्जेसने ३० जूनको गांधीजीके पास भेजा था; देखिए परिशिष्ट २५; गांधीजीने इसकी पहुँचकी सूचना उसी दिन भेज दी थी; देखिए “पत्र : ई० एम० जॉर्जेसको ”, पृष्ठ ४२९-३०।

२. अध्यादेश भारतीय विवाहोंके सम्बन्धमें था; देखिए "मॉरिशसका विवाह-कानून ", पृष्ठ ४४३-४४।