पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 12.pdf/४१

यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।

४. तार : गृह-मन्त्रीको[१]

[फीनिक्स]
अप्रैल ९, १९१३

गृह-मन्त्री
[ केप टाउन]

प्रवासी विधेयक अभी-अभी पढ़ा। भारतीय दृष्टिकोणसे देखनेपर इसके बारेमें गम्भीर आपत्तियाँ उठाई जा सकती हैं। यह अस्थायी समझौतेके विरुद्ध मौजूदा कई अधिकारोंमें दखल देता है। खण्ड तीनसे सर्वोच्च न्यायालयका तत्सम्बन्धी न्याय-क्षेत्र छिन जाता है। जान पड़ता है खण्ड चारके उप-खण्ड १ की धारा(क)से उन शिक्षित भारतीयोंका अधिकार छिन जायेगा जिन्होंने इससे पहले केप या नेटालमें अपनी शिक्षाके आधारपर प्रवेश किया है। वहीं धारा फ्री स्टेटमें किसी शिक्षा-परीक्षा पासशुदा प्रवासीके निषेधका भी विधान करती उप-खण्ड तीन नेटाल और केपके भारतीयोंके किसी भी बन्दरगाहसे पुन: प्रवेश कर सकनेके मौजूदा अधिकारोंको काफी हदतक प्रतिबन्धित कर देता है।खण्ड पाँचके उप-खण्ड १से नेटालके जो भारतीय ठीक-ठीक अर्थों में अधिवासी तो नहीं है, किन्तु लम्बे अर्सेसे वहाँ रहते हैं वे अबतक के अधिकारोंसे वंचित हो जाते हैं। खण्ड पाँचकी व्यवस्थासे ट्रान्सवाल पंजीयन प्रमाणपत्रों और नेटाल निवास प्रमाणपत्रोंकी कानूनी वकत कम हो जाती है। ऐसा नहीं लगता कि विधेयकसे मौजूदा कानूनके अन्तर्गत केप या नेटालमें शिक्षित भारतीयोंके प्रवेशके अधिकारकी और केपके कानूनोंके अन्तर्गत दक्षिण आफ्रिकामें जन्मे भारतीयोंके केपमें प्रवेशके अधिकारकी रक्षा होती है। अन्तमें सर्लके फैसलेको देखते हुए विधेयकमें ऐसे संशोधनकी जरूरत है जिससे भारतीय धर्मोके अनुसार किये गये विवाह वैध हो सकें और वैध पत्नियों और नाबालिग बच्चोंकी रक्षा की जा सके। आशा है मन्त्री उक्त आपत्तियोंपर सहानुभूतिसे विचार करेंगे। इस प्रकार सत्याग्रहकी पुनरावृत्ति और उससे होनेवाले कष्टोंसे बचा जा सकता है।[२]

गांधीजीके स्वाक्षरोंमें संशोधित टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रति (एस० एन०५७५२), की फोटो-नकल से।

  1. १. बिलकुल ऐसा ही तार संसदके दो सदस्यों, श्री ड्रमंड चैपलिन और सर टॉमस स्मार्टको भी भेजा गया था। इसे बादमें ७-६-१९१३ के इंडियन ओपिनियन में प्रकाशित किया गया । तारपर गांधीजीने अपने हाथसे ये शन्द जोड़ दिये थे : " श्री गांधीका ९ अप्रैल, १९१३ को मन्त्रीके नाम भेजा गया तार ।" इसकी एक प्रति गांधीजीने श्री गोपाल कृष्ण गोखलेको भी भेजी थी। इसी प्रकारका एक तार १५ अप्रैलको श्री काछलियाने ब्रिटिश भारतीय संघकी ओरसे भेजा था ।
  2. २. गृह-मन्त्रीके उत्तरके लिए देखिए परिशिष्ट ३ ।