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यादगारमें


लिखकर भेजा है उससे भी कहीं अधिक! मुझे ऐसा लगा कि यदि वह तुम्हारा पत्र पढ़ता तो तुमपर, जितना तुम सोचते हो, उससे कहीं अधिक नाराज होता और स्वयं पापका भागी बनता। इसलिए पहले तो मैं यह सोचता रहा कि यह पत्र उसे भेजूं अथवा नहीं और अन्तमें उपर्युक्त निश्चय किया।

इसमें तो कोई सन्देह नहीं, जिनपर हमें श्रद्धा हो उनसे कोई चीज छिपाने अथवा उनके मनपर अपने बारेमें झूठी छाप डालनेसे कभी अपना भला नहीं होता। इसीलिए जे और ... के पापको घोर पाप माना है। अपने जबरदस्त पाखण्डके कारण ही वे ऐसे घोर पाप कर सके हैं। यदि उनका धोखा देनेका मन न होता तो वे आवेशमें पशु बनकर, फिर एकदम मनुष्य बन जाते, और विषय-भोगको छोड़ देते। जान पड़ता है, [एक ] अब ठीक रास्तेपर आता जा रहा है और दूसरा मोहजालमें फंसा हुआ और दंभमें डूबा हुआ है।

[मोहनदासके आशीर्वाद]

[गुजरातीसे]
महात्मा गांधीजीना पत्रो

२७३. यादगारमें

दूसरे स्तम्भमें हम सत्याग्रहकी वेदीपर अपने प्राणोंका उत्सर्ग करनेवाली एक अन्य हुतात्मा कुमारी वलिअम्मा मूनसामीको दुःखजनक मृत्युका समाचार प्रकाशित कर रहे है। कुमारी वलिअम्मा बीस वर्ष से कम अवस्थाकी एक तरुण महिला थीं। वे उन निष्ठावान भारतीय महिलाओं में से थीं जिन्होंने एक ऐसे विवाह कानूनके विरोधमें जेलयात्रा की, जो उनके माता-पिताके विवाहका अपमान करता था और खुद उनके जन्मपर कलंक लगाता था। घर लौटने के दो ही दिन बाद उनका आकस्मिक और अप्रत्याशित निधन अत्यन्त शोकजनक है। भारतकी इस श्रेष्ठ कन्या-रत्नने निश्चल मनसे अपने सरल कर्त्तव्यका पालन किया। उसने स्त्रियोचित धैर्य, स्वाभिमान और गुणका ऐसा उदाहरण उपस्थित किया है जिसको, हमें विश्वास है, भारतीय समाज नहीं भूलेगा। हम भारतकी इस हानिपर शोक प्रकट करते है और वलिअम्माके कुटुम्बके प्रति अपनी अत्यन्त सम्मानपूर्वक सहानुभूति प्रकट करते हैं।

[अंग्रेजीसे]
इंडियन ओपिनियन, २५-२-१९१४