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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय


यह तो लिखा ही है कि गवाहीकी मूल-प्रति पढ़ जाने के बाद हम उसपर विशेष रूपसे टीका करने जा रहे हैं।

[गुजरातीसे]
इंडियन ओपिनियन, १८-२-१९१४

२६८. तार : गो० कृ० गोखलेको

केप टाउन
फरवरी १८, १९१४

गोखले

सविडिया

पूना

सिटी हॉलमें ऍन्ड्रयूज द्वारा रवीन्द्रनाथ ठाकुरपर भाषण। अध्यक्षपदसे ऍन्ड्रयूज़के कामके प्रति सार्वजनिक रूपसे सहानुभूति व्यक्त। प्रमुख संसद सदस्यों सहित बड़ी संख्यामें प्रतिष्ठित श्रोतागण उपस्थित। वाइसरीगल लॉज शिमला जैसा भाषण। भूतपूर्व प्रधानमंत्री मेरीमैन द्वारा भारतीय जीवनका उच्चतर पक्ष और अधिक समझनेकी आवश्यकतापर जोर। ऐन्ड्रयूज़ द्वारा इसकी बड़ी सही व्याख्या। आजकल ऐसी व्याख्यासे बढ़कर कोई सेवा नहीं। संकटके वर्तमान समयमें ऐसा भाषण सुनकर गवर्नर जनरल द्वारा हार्दिक सन्तोष व्यक्त। उन्होंने ऐन्ड्रयूज़की शान्ति और समझौतेके उद्देश्यसे की गई सेवाओंके लिए धन्यवाद दिया और विश्वास प्रकट किया कि समझौता सन्निकट । स्वयं ऑक्सफोर्ड में भारतीय इतिहासका विशेष अध्ययन किया उसी सिलसिलेमें भारत-भ्रमण भी। ठाकुर द्वारा अभिव्यक्त भारतीय उच्चतर पक्षकी भूरि-भूरि सराहना। अभिलाषा व्यक्त की कि लोग भारतके कुलियोंका नहीं बल्कि ऐन्ड्रयूज़ द्वारा बताये उच्चादर्शोका अधिक अध्ययन करेंगे। लॉर्ड ग्लैड्स्टन द्वारा भावपूर्ण उद्गार। बड़ी सुखियोंके साथ भाषणकी समीक्षाएँ। बहुत अच्छा असर। यह तार सविस्तार प्रकाशित कीजिए।

गांधी

प्राप्त अंग्रेजी तार (सी० डब्ल्यू. ४८५१) की फोटो-नकलसे।

सौजन्य : सर्वेन्ट्स ऑफ इंडिया सोसाइटी