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२५७. विवाहकी समस्याके बारेमें विचार'

फरवरी २, १९१४

मुसलमानों और हिन्दुओंके एक पत्नी विवाहोंको प्रवासी कानून में संशोधन करके या एक विशेष कानून द्वारा कानूनी बना दिया जायेगा। नये कानून द्वारा पंजीयनकी एक व्यवस्था लागू की जा सकती है, जिसके अन्तर्गत पहलेके सभी एक पत्नी विवाहोंको पंजिकाओंमें दर्ज कर लिया जायेगा। तत्सम्बन्धी धोके पुजारियों और मुल्लाओंके पास ऐसी पंजिकायें रहेंगी और उनको सरकारी तौरपर अधिकृत विवाह-अधिकारी मान लिया जायेगा। ऐसे विवाह उसी दिनसे वैध माने जायेंगे जिस दिन वास्तवमें विवाहकी विधि सम्पन्न हुई होगी, चाहे वह दक्षिण आफ्रिकामे सम्पन्न हुई हो, या भारतमें। भविष्यमें होनेवाले विवाह भी यही पुजारी या मुल्ला अपनी-अपनी धार्मिक रीतिसे सम्पन्न करायेगे, साथ ही, उनको पंजिकाओमें दर्ज कर लिया जायगा और फिर वर तथा वधूके जीवनपर्यंत दोनोमें से किसीका भी अन्य किसी व्यक्तिके साथ विवाह इस प्रकार दर्ज नहीं किया जा सकेगा और न दोमें से किसी एकके जीवित रहते उसे वैध ही माना जायेगा।

वैधानिक रूपसे इसका नतीजा यह होगा कि हिन्दू और मुसलमान दोनों ही एकसे अधिक स्त्रीसे विवाह नहीं कर पायेंगे, लेकिन यह कानून उसे ऐसी कई स्त्रियाँ रखनेसे नहीं रोकेगा, जिनको वह अपनी पत्नियाँ तो कह सकता है पर जिनको कानूनी तौरपर रखैल ही माना जायेगा। श्री गांधी कहते हैं कि यूरोपमें विवाहोंकी वर्तमान स्थिति यही है। इसका यह अर्थ नहीं कि वे चाहते है कि राज्य बहपत्नी विवाहोंको मान्यता दे। लेकिन उनको आपत्ति इस बातपर है कि विवाहके समय वर या वधू किसी भी पक्षके लिए ऐसी घोषणा करना अनिवार्य नहीं होना चाहिए कि वह भविष्यमें किसी भी अन्य व्यक्तिको जीवन साथी नहीं बनायेगा, क्योकि ऐसी कोई भी घोषणा करना अपने धर्मको छोड़ने के बराबर ही होगा।

पहले सम्पन्न हुए विवाह के सिलसिले में एक ही विवाहिता पत्नी होनेकी घोषणा तभी की जा सकती है जब उसकी एक ही पत्नी हो।

तलाक

जिस विवाहको दक्षिण आफ्रिकाके काननके अन्तर्गत कानूनी दर्जा प्राप्त हुआ हो, उसका विच्छेद दक्षिण आफ्रिकाके कानूनके अनुसार ही किया जा सकता है। दक्षिण आफ्रिकाके कानूनके अनुसार व्यभिचारी या छोड़कर भाग जानेवाली स्त्री को ही तलाक दिया जा सकता है।

टाइप की हुई अंग्रेजी प्रति (एस० एन० ५९३०) की फोटो-नकलसे।

१. इस लेखकी टाइप शुदा प्रतिका शीर्षक है, “ श्री गांधोकी स्थिति", और यह स्पष्ट ही गांधीजीसे बातचीत या भेंट करनेके बाद लिपिबद्ध किये गये गांधीजीके विचारोंका सार प्रस्तुत करता है।