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तार : गो० ० गोखलेको


प्रसन्नचित्त हैं और आगे आनेवाली घटनाओंकी राह देख रहे हैं। और उनके लिए तैयार हो रहे हैं।

[अंग्रेजीसे]
टाइम्स ऑफ़ इंडिया, ५-१-१९१४

२३७. तार : गो० कृ० गोखलेको'

डर्बन
जनवरी ३, १९१४

सविडिया
पूना

गॉडफेको समस्याको जानकारी अधूरी, ज्ञान अधकचरा। उसे आपके साथ रहकर सीखनेके लिए कहा है। स्थगन कालमें कृपया आराम कर लीजिए। रायटरने सारांश नहीं भेजा। ऐंड्रयूज चाहते हैं मैं उनके साथ फीनिक्समें एक सप्ताह रहूँ। मैंने सहमति दे दी है आपकी मंजूरी मिलनेकी शर्तपर। चाहता हूँ कि हरिलाल आ जाये। उसने पूरे संघर्षके दौरान सत्याग्रहीके रूपमें काम करनेकी शपथ ली है। उसे अपना दायित्व निभानेकी अनुमति होनी चाहिए। मेरी रायमें जेल और अन्य चीजोंका अनुभव बड़ा शिक्षाप्रद ।

गांधी

नेशनल आर्काइव्ज़ ऑफ इंडिया : फाइल संख्या ४५

सौजन्य : सर्वेन्ट्स ऑफ इंडिया सोसाइटी

१. यह गोखलेके २ जनवरीके निम्नलिखित तारके उत्तर में भेजा गया था: “रॉबर्टसन कल रवाना हो गये । पहुँचनेपर स्वागत-समारोह करनेकी आपकी इच्छा उनको बतला दी। उनका खयाल है कि एक छोटेसे शिष्टमण्डलका उनसे मिलना ज्यादा अच्छा रहेगा, प्रदर्शनसे गलतफहमी पैदा हो सकती है। उन्होंने सन्देश दिया है कि वे समाजके लिए भरसक कोशिश करेंगे। समाचारपत्रोंमें गॉडफ्रे के बम्बई पहुँचनेका समाचार है । तार दें कि उसपर किस हद तक भरोसा कर सकते हैं। हृदय में पानी जमा होनेसे कष्ट, जिससे शरीर बेहद कमजोर हो गया है। कई दिन विस्तरमें रहना पड़ेगा। विभिन्न तारों के आधारपर तैयार किया गया लगभग दो हजार शब्दोंका आपका वक्तव्य कल प्रकाशित किया गया। उससे लोकमत काफी जोरसे आपके पक्षमें बन रहा है। क्या रायटरने तार द्वारा सारांश भेजा?"