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२२७. तार : गो० कृ० गोखलेको'

डर्बन
दिसम्बर २९, १९१३

सविडिया
पूना सिटी,

आयोगमें आज तो केवल एसे ही व्यक्ति नियुक्त हैं जो पक्षपातपूर्ण भावना रखते है। क्षिण आफ्रिकाके सभी समाचारपत्र इस

१. यह तार श्री गोखलेके गांधीजीके नाम २८ दिसम्बर १९१३ को भेजे गये इस तारके उत्तरमें भेजा गया था:

"अब यह जरूरी हो गया है कि आप देशके सामने वहाँकी स्थिति विस्तारपूर्वक रखें। सबसे अच्छा तो यही होगा कि आप मुझे अविलम्ब तार द्वारा सब कैफियत प्रकाशनार्थ भेज दें। उसमें चार सौ आवश्यक जान पड़े तो अधिक भी-शब्द हों, उसमें सब बातें साफ-साफ और सम्बद्ध रूपसे आ जायें। पहले तो आप एसेलेन-बायलीके खिलाफ अपने एतराज लिखें और साथ ही उन बातोंको व्यक्त करें जिनके कारण आपके मनमें सामान्यतया उस आयोगके प्रति अविश्वास उत्पन्न हुआ है । दूसरे, दक्षिण आफ्रिकामें रहनेवाले आपके शुभचिन्तक यूरोपीयोंकी उस आयोगके बारे में क्या भावना है और उनकी क्या सम्मति है; तीसरे, संक्षेपमें परन्तु प्रभावकारी शब्दों में, उस निर्दयतापूर्ण व्यवहारका उल्लेख कीजिए जो सत्याग्रही कैदियोंके -जिसमें महिलाएं भी शामिल हैं-साथ किया जा रहा है। चौथे, अन्य कोई बात जिसके कारण रविवारकी सार्वजनिक सभाके पूर्व भारतीय समाजमें रोष फैला हुआ था। पाँचवें, सभामें जो घोषित किया गया था वह तथा उसके कारण । छठे यदि कोई ऐसा पत्र-व्यवहार हुआ हो जिसका उल्लेख किया जाना उचित हो। सातवे, मौजूदा हालत और आगेके आसार । आखिरी बात यदि आप भारतको कोई सन्देश देना चाहते हों उसका भी समावेश कर दें। आप जो वक्तव्य भेजें वह सभाव-सूचक हो, उसमें दृढ़ताका पुट अवश्य हो, ऐसा हो जिसमें वाइसराय महोदयके द्वारा अबतक दिये गये समर्थनकी सराहना हो और जिसे पढ़कर यहाँ लोगोंके दिलों में आशा बँधे। वक्तव्य आगामी मंगलवारको प्रातःकाल तक यहाँ अवश्यमेव पहुँच जाये ।" ३० दिसम्बर १९१३को साढ़े नौ बजे सबेरे गांधीजीको श्री गोखलेका यह तार मिला : “वक्तव्यमें कुछ परिवर्द्धन करके उसे प्रकाशित कर रहा हूँ। पिछले तारोंसे कुछ और बातें लेकर उसमें जोड़ दी जायेंगी।" श्री गोखलेने उस वक्तव्यको ३१ दिसम्बरको प्रकाशित करा दिया। उन्होंने गांधीजीको तार द्वारा यह सूचित किया :

"आज वक्तव्य सम्पादित रूपमें समाचारपत्रोंको भेज दिया है; उसमें पिछले तारोंकी कुछ बातें जोड़ दी हैं। वक्तव्यमें आपने जिन भावनाओंको रखा है वे ज्योंकी-त्यों रहने दी गई हैं; भाषा यहाँकी आवश्यकताओंके खयालसे कहीं-कहीं बदल दी गई है। आशा है परिणाम बहुत ही अच्छा निकलेगा । बम्बईने कल तार द्वारा सात हजार रुपये भेजे हैं, मद्रास एक हजार भेज रहा है। मैं राबर्ट्सनसे कल बम्बई में उनकी रवानगीके पूर्व मिलना चाहता था परन्तु डॉक्टरकी इजाजत नहीं मिली। उन्हें मैं अपने इस मामले के बारेमें एक विशेष पत्र श्री शास्त्रीके हाथों भेज रहा हूँ।"

जो वक्तव्य गोखलेजीने समाचारपत्रोंको भेजा था उसके लिए देखिए परिशिष्ट १९ ।