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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय


वर्षके सम्बन्धमें आशाका संचार होने लगेगा। साथ ही सरकारके न्यायोचित कार्यके लिए वे कृतज्ञ होंगे।

गांधी

[अंग्रेजीसे]
कलोनियल ऑफिस रेकर्ड्स (सी० ओ० ५५१/४६)

२२६. तार : गो० कृ० गोखलेको

डर्बन
दिसम्बर २९,१९१३

सविडिया
पूना सिटी

कोई अन्य सम्भव नहीं। यदि हमें लॉर्ड क्रूकी भारतकी सहानुभूति खोनी ही पड़े तो हमें सन्तोष करना चाहिए। मुझे पूरी आशा है आप कृपा करके हमारे सम्बन्धमें बहुत चिन्तित न होंगे। हम लोग खूब प्रसन्न हैं। हमने माँगा था और हम उसको सहेंगे। स्थिति गम्भीर। करना कठिन। लोग चेतावनियोंके बावजूद पहलेसे सामान बच रहे है। बाहरी सहायता बन्द होनेके बावजूद जहाँ इतनी लगन है वहाँ आशा होती है। विवरण बादमें भेज रहा हूँ।

गांधी

[अंग्रेजीसे]

नेशनल आर्काइब्ज़ ऑफ इंडिया : फाइल नं० ४५

सौजन्य : सर्वेट्स ऑफ़ इंडिया सोसाइटी

१. देखिए परिशिष्ट १८ (१) और १८ (९)।

२. देखिए अगला शीर्षक ।