पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 12.pdf/३११

यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।

२०२. भाषण : मैरित्सबर्गकी सभामें

मैरित्सबर्ग
[दिसम्बर २२, १९१३]

श्री गांधीने धूमधाम करनेवालोंको एक तरहसे फटकारा और इस बातपर जोर दिया कि हमारे देशभाइयोंका जो खून बहा है, यह समय उसके लिए शोक मनानेका है, न कि समारोह करने और खुशियाँ मनानेका। फिर भी, आपने [हमारे प्रति] जो स्नेह प्रदर्शित किया उसके लिए मैं आपको धन्यवाद देता हूँ। मेरा आपसे अनुरोध है कि आप तम्बाकू, पान और अन्य विषयोंका परित्याग करके अपनी सहानुभूति प्रकट करें। मैं तो यहांतक महसूस करता हूँ कि इस शोकके समयमें महिलाओंको सुन्दर वस्त्रों और आभूषणोंको उतार कर अलग रख देना चाहिए।'

[अंग्रेजीसे]
नेटाल मयुरी, २३-१२-१९१३

१. श्रीमती कस्तूरबा गांधी, श्रीमती छगनलाल गांधी श्रीमती मणिलाल डॉक्टर, श्रीमती मगनलाल गांधी और सॉलोमन रायप्पनके मैरित्सबर्ग जेलसे रिहा होनेपर एक जुलूस निकाला गया जो एक स्वागत समारोहमें समाप्त हुआ। रिहा सत्याग्रहियोंकी ओरसे गांधीजीने सभामें भाषण दिया । गुजरातीमें उनके भाषणकी रिपोर्ट के लिए देखिए अगला शीर्षक ।

२. कैलेनबैंक, एल० एच० ग्रीनने और श्रीमती पोलकने भी भाषण दिये। थोड़ी देर बाद एक सार्वजनिक सभा हुई।