पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 12.pdf/२८८

यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।

१८६. लड़ाईके समाचार

[चार्ल्सटाउन
नवम्बर ६, १९१३ से पूर्व]

ट्रान्सवाल-कूचके दौरान श्री एम० सी० देसाईने गिरमिटिया मजदूरोंकी बड़ी सेवा-शुश्रूषा की। उन्होंने लोगोंको चाय दी और थकी हुई स्त्रियोंको आश्रय दिया। स्टैंडर्टनमें स्थानिक भारतीय समाजने १,००० टीन जाम दिया और लोगोंकी मदद की। वाल स्टेशनपर श्री पटेलने मदद की। उन्होंने जो लोग बीमार हो गये थे उन्हें अपने घरमें आश्रय दिया। श्री बदात दो मंजिलों तक लोगोंके लिए रोटी आदि लेकर आगे-आगे ट्रेनमें गये। श्री वलीपीर भाई पहली मंजिल तक के लिए सार ढोनेके लिए अपनी गाड़ी दी। डॉ० ब्रिसकोने यात्रियोंके लिए लगभग ४ पौंड मूल्यकी दवा मुफ्त दी। इंगोगोके श्री सीदातने न्यू कैसिलसे कूच करनेवाले यात्रियोंको चाय-बिस्कुट आदि दिये। इस तरह हरएक जगह भारतीयोंने यात्रियोंकी मेहमानी की। चार्ल्सटाउनके भारतीय समाजने भी इस दिशामें काफी योग दिया और देता रहता है। श्री शेख मकदूम हमेशा अपना सारा समय इसीमें लगाते है।

[गुजरातीसे]
इंडियन ओपिनियन, १९-११-१९१३

१८७. तार : गृह-मन्त्रीको

[पामफोर्ड
नवम्बर ७, १९१३]

मुझे खुशी है कि सरकारने सत्याग्रह आन्दोलनके मुख्य संचालकको अन्ततः गिरफ्तार कर लिया। साथ ही मैं यह कहे बिना नहीं रह सकता कि इन्सानियतकी दृष्टिसे, गिरफ्तारी इस अवसरपर अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकारको शायद ज्ञात है कि कूच करनेवालोंमें १२२ औरतें और पचास सुकुमार बच्चे सभी लोग स्वेच्छासे अधपेट खुराकपर कूच कर रहे हैं। पड़ावोंमें ठहरनेकी व्यवस्था नहीं होती। ऐसी परिस्थितियोंमें मुझे उनसे अलग करना न्यायकी सभी भावनाओंका उल्लंघन करना है। पिछली रातको गिरफ्तार होनेपर लोगोंको कोई सूचना दिये बिना मैं चला आया। वे शायद क्रुद्ध हो उठे। अतएव' अनुरोध है कि या तो मुझे लोगोंके साथ कूच करनेकी अनुमति दी जाये सरकार उन्हें रेलगाड़ीसे टॉल्स्टॉय फार्म भेज दे और उनके लिए पूरी खुराक मुहैया करे। जिस व्यक्तिमें उन्हें पूरा भरोसा है, उसे