पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 12.pdf/२८२

यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
२४६
सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय


विश्वास नहीं करते। हमारा मालिकोंसे कोई विरोध नहीं है, परन्तु चूंकि एसा माना जाता है कि मालिकोंने -कमसे-कम उनमें से कुछ लोगोंने -कर रद किये जानेका विरोध किया था, इसलिए यह प्रदर्शन जरूरी हो गया है। सरकारके यह वायदा करते ही कि संसदके आगामी अधिवेशनमें कर रद कर दिया जायेगा, हड़तालियोंको काम शुरू करनेकी सलाह दे दी जायेगी।

यह इरादा बिल्कुल नहीं है कि हड़तालियोंसे आम संघर्ष में भाग लेनेको कहा जाये, क्योंकि तीन पौण्डी करके अतिरिक्त और भी शिकायतें हैं जिन्हें दूर करानेके लिए आम जनताका सत्याग्रह जारी रहेगा। अन्य शिकायतें हैं : विवाहका प्रश्न; अधिवास सम्बन्धी अधिकारोंका प्रश्न; मौजूदा कानूनोंका कठोर प्रयोग, जैसे कि ट्रान्सवालमें स्वर्ण-कानूनका; दक्षिण आफ्रिकामें जन्मे भारतीयोंका जन्मके कारण केपमें प्रवेश कर सकनेका हक; और सामाजिक भेदभावका सैद्धान्तिक प्रश्न । यदि तीन पौण्डी करको हटा लेनेका वायदा कर दिया जाये तो भी इन शिकायतोंके खिलाफ सत्याग्रह जारी ही रहेगा; हाँ, हड़ताल नहीं होगी।

मैं यह भी बता दूं कि हड़तालमें शामिल न होनेवालोंको किसी भी तरह डराया या धमकाया नहीं गया। हड़ताल बिल्कुल स्वेच्छासे की गई है, और जहांतक मैं देख पाया हूँ, स्वतःस्फूर्त हड़तालके लिए इतना ही काफी था कि वस्तुस्थिति लोगोंके सामने रख दी जाये।

उन हड़तालियोंकी राहतके लिए, जिनकी मदद हमको करनी है, हर जगह चन्दा इकट्ठा किया जा रहा है। डर्बनमें ११० बोरे चावल, दाल और अन्य चीजोंका वायदा किया गया है और इसका अधिकांश रेलगाड़ीसे रवाना भी किया जा चुका है। और चन्देका काम अभी किया जा रहा है।

यदि सभा अपने उद्देश्यमें असफल हुई तो निश्चय ही हम हड़तालका दायरा बढ़ानेकी कोशिश करेंगे। परन्तु मैं यह कह सकने में बिल्कुल असमर्थ हूँ कि उसे कितनी सफलता मिलेगी। जहाँ-कहीं भी गिरमिटिया भारतीय अथवा भूतपूर्व गिरमिटिया भारतीय मजदूरोंकी तरह काम कर रहे हैं, हम उन्हें हड़ताल करनेकी सलाह देंगे।

[अंग्रेजीसे]
नेटाल मर्युरी, २७-१०-१९१३

१. परिस्थितिके विस्तृत विवरणके लिए देखिए, दक्षिण आफ्रिकाके सत्याग्रहका इतिहास, अध्याय ४२ और ४३ ।