कहा कि सरकार जैसे ही अपने वचनको पूरा करनेका आश्वासन देगी, वैसे ही भारतीयोंसे आन्दोलन बन्द करके कामपर लौट जाने के लिए कह दिया जायेगा।
इंडियन ओपिनियन, ५-११-१९१३
१७६. भेंट : 'नेटाल मयुरी' को
डर्बन
अक्टूबर २५, १९१३
सभाके बाद श्री गांधीसे 'नेटाल मयुरी' के एक प्रतिनिधिने पूछा कि क्या इस बातमें कुछ सचाई है कि हड़ताल समाप्त होनेवाली है।
[गांधीजी:] नहीं, हड़ताल अभी जारी है। मेरे पास डानहॉजर जिलेसे, और डंडी तथा न्यूकैसिलसे तार आये हैं कि वह जारी है। बात यह है कि आदमियोंको कोयलेकी खानोंसे हटाना था ताकि वे नेटालमें अपनेको गिरफ्तार करा सकें, या, यदि वैसा न हो तो, ट्रान्सवालकी सीमामें प्रवेश करके वहाँ गिरफ्तार हो सकें। चूंकि यह सभा होनेवाली थी इसलिए यह आन्दोलन स्थगित कर दिया गया। इसलिए स्थिति यह है कि हालाँकि लोग खानोंसे हटे नहीं हैं, लेकिन वे हड़तालपर हैं।
खान छोड़कर चले जानेके प्रस्तावित आन्दोलनके पीछे भाव यह था कि खान-मालिकोंसे खुराक लेना और फिर भी काम न करना ठीक बात नहीं है। मैंने स्वयं यह महसूस किया कि जबतक लोग वास्तवमें खानोंको छोड़ कर नहीं चले जाते तबतक हड़तालमें दम नहीं होगा। आगे क्या होगा, सो तो सभाके निर्णयपर निर्भर करेगा। मैं उसे पहलेसे नहीं बता सकता। कुछ भी हो, हड़ताल जारी रहेगी। मेरा अनुमान है कि लगभग ३,००० लोग हड़तालपर ह। किन्तु इसका प्रभाव ऐसा- नहीं है कि काम बिल्कुल ठप हो जाये ; उनके पास कुछ वतनी मजदूर हैं। इन वतनी मजदूरों तथा यूरोपीयोंकी सहायतासे थोड़ा-बहुत काम हो रहा है, हालाँकि कामका अधिक भाग रुका पड़ा है।
मैने अखबारोंमें इस आशयकी रिपोर्ट देखी है कि हम शायद बतनियोंसे भी हड़ताल करनेको कहेंगे। परन्तु हमारा ऐसा इरादा बिल्कुल नहीं है। हम ऐसे तरीकोंमें
१. तारमें आगे कहा गया था: “श्री गांधीको सुननेके पश्चात् बैठकने तय किया कि संघ सरकारसे पूछा जाये कि क्या तीन-पौंडी करके सम्बन्धमें उसने वह आश्वासन दिया था जिसका जिक्र श्री गांधोने किया है और जिसकी परिपुष्टि लॉर्ड सभामें दिये गये लॉर्ड ऍम्टहिलके वक्तव्यसे होती है; और क्या उक्त आश्वासन पुरुषों, स्त्रियों तथा बच्चों, सभीपर लागू होता है; और यदि नहीं तो उसकी क्या शत हैं। संघ यह भी जानना चाहेगा कि तीन-पौंडी करके सम्बन्धमें अब सरकारका क्या मंशा है। चूंकि हड़ताल दिन-दिन फैलती जा रही है, इसलिए संघ आभारी होगा यदि यह सूचना तुरन्त भेज दी जाये, ताकि अगली संयुक्त बैठकमें उसके आधारपर विचार किया जा सके।"
२. सभा वाणिज्य मण्डल में हुई । देखिए पिछला शीर्षक ।