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१७४. तार : जी० ए० नटेसनको'

डर्बन
[अक्टूबर २५, १९१३ से पूर्व]

खबर बिल्कुल गलत। देशभरमें सभाएँ उनमें आन्दोलनका जोरदार समर्थन किया जा रहा है। समाजके सभी वर्गोसे लगभग स्त्री और पुरुष जेलमें पहुंच चुके हैं।

[अंग्रेजीसे]
टाइम्स ऑफ इंडिया, २५-१०-१९१३

१७५. वक्तव्य : वाणिज्य-मण्डलमें

[डर्बन]
अक्टूबर २५,१९१३

आज सुबह कोयला, चीनी और कृषि उद्योगोंके प्रतिनिधियोंकी एक संयुक्त बैठकमें श्री गांधीने कहा कि कोयलाकी खानोंमें वर्तमान हड़तालका कारण केवल यह है कि संघ सरकारने तीन पौण्डी वार्षिक करको रद करनेका जो निश्चित वचन बार-बार दिया था उसे उसने पूरा नहीं किया। श्री गांधीने कहा कि श्री गोखलेको निश्चय ही ऐसा वचन या आश्वासन दिया गया था और नीली पुस्तिकामें प्रकाशित लॉर्ड सभामें लॉर्ड ऍम्टहिल द्वारा दिये गये वक्तव्यकी रिपोर्टसे इसकी पुष्टि होती है। कर हटानेके विषय में पुरुषों, स्त्रियों तथा बच्चोंमें भेद नहीं किया गया था। श्री गांधीने

१. यह तार रायटरके उस तारका खण्डन करते हुए दिया गया था जो टाइम्स ऑफ इंडिया में २१-१०-१९१३ को प्रकाशित किया गया था और जिसमें कहा गया था कि स्थानीय भारतीय समाजमें निश्चित रूपसे फूट पड़ गई जान पड़ती है; किन्तु यह विश्वास किया जाता है कि बहुमत सत्याग्रहका समर्थन करेगा।

२. भारतीय मजदूरोंको नौकर रखनेवाले प्रमुख मालिकोंकी एक बैठक अक्तूबर २५ को वाणिज्यमण्डलमें हुई थी जिसमें गांधीजीने हड़तालकी स्थितिके सम्बन्धमें वक्तव्य दिया था। नेटालके कोयला-खानमालिकोंके संघ द्वारा अक्तूबर २५ को गृह-मन्त्रीके नाम भेजे गये तारसे ही यह उद्धरण लिया गया है ।

गांधीजीके वक्तव्यका अलगसे कोई विवरण नहीं मिलता।